जमशेदपुर,: टाटा स्टील ने आज अरुणांक प्रोजेक्ट के तहत अरुणाचल प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को कंपनी के ब्रांडेड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स टाटा एग्रेटो की पहली खेप भेजी। कंपनी ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए एक मूल्य वर्धित औद्योगिक बाई-प्रोडक्ट की आपूर्ति करके, टाटा स्टील ने सर्कुलर इकॉनमी के सिद्धांतों को अपनाते हुए एक अधिक सस्टेनेबल इस्पात क्षेत्र के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और एक राष्ट्र निर्माण पहल में भी अग्रणी है।
टाटा एग्रीटो (ब्रांडेड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स) के पहले रेक को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माननीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा और भौतिक रूप से उत्तम सिंह, वाइस प्रेसिडेंट आयरन मेकिंग, टाटा स्टील, मनोरंजन परिदा, डायरेक्टर सीएसआईआर-सीआरआरआई, राजेश कुमार, ईआईसी आईबीएमडी टाटा स्टील और सतीश पांडे, प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सीआरआरआई, कर्नल नवीन कुमार साह, डायरेक्टर वर्क्स प्लानिंग, प्रोजेक्ट अरुणांक द्वारा, बीआरओ, टाटा स्टील, केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), इस्पात मंत्रालय, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारीयों की उपस्थिति में टाटानगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 से व्यक्तिगत रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
डॉ वी के सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग, डॉ. एन कलईसेल्वी, डायरेक्टर जनरल, सीएसआईआर, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, महानिदेशक, बीआरओ भी समारोह के दौरान वर्चुअल रूप से जुड़े हुए थे।
उत्तम सिंह, वाइस प्रेसिडेंट आयरन मेकिंग, टाटा स्टील ने कहा, “अब हम अरुणाचल प्रदेश में सड़कों के निर्माण के लिए बीआरओ को जो स्लैग भेज रहे हैं, वह इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि टाटा स्टील में सर्कुलर इकोनॉमी कैसे काम करती है। हम नई तकनीकों को अपनाकर और नए उत्पादों और एप्लीकेशंस को विकसित करके न्यूनतम इकोलॉजिकल फुटप्रिंट वाले सस्टेनेबल उत्पाद देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ” उन्होंने आगे कहा कि “हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि सीआरआरआई के सहयोग से अरुणांक डिवीजन के तहत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अरुणाचल प्रदेश में सड़कों का निर्माण करेगा और हमें राष्ट्र निर्माण के लिए इस अग्रणी पहल में भागीदार होने पर गर्व है।”
“जीरो वेस्ट” के लक्ष्य के साथ, टाटा स्टील ने बाई-प्रोडक्ट्स मैनेजमेंट के लिए – इंडस्ट्रियल बाई-प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिवीजन (आईबीएमडी) के रूप में कुशल बाई-प्रोडक्ट्स मैनेजमेंट सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित प्रॉफिट सेंटर बनाया है। बाई-प्रोडक्ट्स को उनके मूल्य को अधिकतम करने के लिए संसाधित किया जाता है ताकि उन्हें विभिन्न एप्लीकेशंस में रिसाइकल्ड या पुन: उपयोग किया जा सके। वर्ष 2018 में, टाटा स्टील ने प्रोसेस्ड स्टील स्लैग से निर्मित भारत का पहला ब्रांडेड उत्पाद टाटा एग्रेटो लॉन्च किया था। इस ब्रांड की शुरुआत टाटा स्टील की अपने ग्राहकों के लिए उत्कृष्टता और मूल्य निर्माण की यात्रा का हिस्सा रही है। टाटा स्टील ने स्टील स्लैग के प्रसंस्करण के लिए जमशेदपुर और कलिंगानगर दोनों में स्टीम एजिंग के माध्यम से अपनी तरह की पहली एक्सीलरेटेड वेदरिंग फैसिलिटी भी शुरू की है।
टाटा एग्रीटो का झारखंड और ओडिशा में राष्ट्रीय राजमार्गों, स्टेट हाईवेज, शहर और ग्रामीण सड़कों के निर्माण में व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। एनएच 33 संसाधित स्टील स्लैग का उपयोग करके बना भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है जहां एनएच 33 के लगभग 40 किमी से अधिक सेगमेंट का निर्माण एक मिलियन टन टाटा एग्रीटो का उपयोग करके किया गया है। सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों की मान्यता में, टाटा स्टील ने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए हैं जिनमे विशेष रूप से 2020 और 2021 में सीआईआई 3R अवार्ड, फिक्की इंडियन सर्कुलर इकोनॉमी अवार्ड 2021, सीआईआई में मोस्ट इनोवेटिव प्रोजेक्ट अवार्ड, पर्यावरणीय सर्वोत्तम अभ्यासों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 उल्लेखनीय है।
टाटा स्टील का इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट्स मैनेजमेंट डिवीजन अरुणाचल प्रदेश में बीआरओ प्रोजेक्ट को ~1200 टन प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट्स की आपूर्ति करेगा। इस पहल की सफलता से सीमावर्ती क्षेत्रों के निकट सड़क निर्माण में स्टील स्लैग के सतत उपयोग के नए रास्ते खुलेंगे।