जमशेदपुर।
टाटानगर स्टेशन से एर्नाकुलम साप्ताहिक ट्रेन को सप्ताह में चार दिन चलाने का आदेश सवा महीने पहले हुआ था,
लेकिन चक्रधरपुर मंडल एर्नाकुलम ट्रेन का फेरा नहीं बढ़ा सका.
एर्नाकुलम की ट्रेन अभी टाटानगर से सप्ताह में दो दिन (रविवार और गुरुवार) अप एवं डाउन में चलती है.
इधर, दक्षिण पूर्व जोन से 29 सितंबर को जारी समय सारणी में दो दिवसीय एर्नाकुलम ट्रेन के लिए चार दिन का शिड्यूल
बना था, जो अभी लागू नहीं हो पाया. इससे ट्रेन के हर फेरे में दक्षिण भारत मार्ग के दर्जनों यात्रियों को आवागमन में
दिक्कत हो रही है.
लेकिन दक्षिण पूर्व जोन से टाटानगर को एर्नाकुलम ट्रेन का फेरा बढ़ाने के लिए रैक उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इससे चक्रधरपुर मंडल टाटानगर एर्नाकुलम ट्रेन को सप्ताह में चार दिन नहीं चला पा रहा है.
एसी कोच आया,
स्लीपर का इंतजार जानकारी के अनुसार टाटानगर एर्नाकुलम ट्रेन का दो फेरा बढ़ाने के लिए कोच की जरूरत पड़ेगी.
अभी ट्रेन दो रैक के सहारे चल रही है,
जबकि सप्ताह में चार दिन चलाने के लिए कम से कम तीन एलएचबी रैक होने चाहिए.
सूत्रों के अनुसार एसी श्रेणी का नया एलएचबी कोच आ गया, लेकिन स्लीपर कोच का इंतजार हो रहा है.
चार या तीन रैक की व्यवस्था होने पर चक्रधरपुर मंडल टाटानगर से एर्नाकुलम ट्रेन को सप्ताह में चार दिन चलाने का
सिग्नल देगा.
समय बदलने की उठ रही मांग
एर्नाकुलम की ट्रेन सुबह में 5.30 बजे टाटानगर स्टेशन से खुलती है, जिसे आंध्र समाज के लोग दिन में 9 बजे के बाद टाटानगर से रवाना करने की मांग उठा रहे हैं. आंध्र भक्त श्री राम मंदिरम् के महासचिव एस दुर्गा प्रसाद ने बताया कि ट्रेन का समय बदलने का पत्र पहले दिया गया था, लेकिन रेल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. ट्रेन का समय बदलने पर दूरदराज के आने वाले यात्रियों को सहूलियत होती.