जमशेदपुर
जमशेदपुर के सिख धर्म प्रचारक हरविंदर सिंह ने एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) के सिरोपा को लेकर राजनीति पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया है. हरविंदर ने कहा की सिरोपा कोई आम चीज नहीं जो किसी को भी दे दिया जाये. सिरोपा गुरु की बख़्शीश है, जिसे केवल उसे ही मिल सकता है जो गुरु का सचा सिख है. इस बारे हमे ग़ुरबाणी भी समझाती है “पहर सिरपाओ सेवक जन मेले “ अर्थात् गुरु के सेवक को ही सिरोपा या सम्मान गुरु घर में मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि गत दिनों पहले ही इन्दौर में एक गुरमत समागम के दौरान वहां की प्रबन्धक कमेटी ने कांग्रेस नेता कमल नाथ, जो 1984 क़त्लेम का दोषी है. उसका सनमान किया था, जिसे वहां कीर्तन कर रहे पंथ के महान रागी मनप्रीत सिंह ने विरोध किया, जो एक अच्छी पहल है. हरविंदर ने जमशेदपुर के गुरु घर के मुख्य सेवादारों से अपील की है की है इस मामले को लेकर सभी गुरदुवारा कमेटियों को आवाज बुलंद करने की ज़रूरत है. अगर कोई नौजवान भाई या हमारी बहन सीखी सरूप सिद्धांतक तरीक़े से आते हैं तो उन्हें सिरोपा ज़रूर देपर उसके महत्व को भी समझाना जरूरी है.