सर जहांगीर गांधी
(18 नवंबर, 1896 – 17 अप्रैल, 1972)
जहांगीर जीवाजी गांधी का जन्म 18 नवंबर, 1896 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने पहले मुंबई के न्यू हाई स्कूल में पढ़ाई की और फिर बाद में सेंट जेवियर्स कॉलेज और विल्सन कॉलेज, मुंबई में दाखिला लिया। उन्होंने भौतिकी और रसायन विज्ञान में ऑनर्स के साथ स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। जिसके बाद वे कार्नेगी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पिट्सबर्ग, पेन्सिलवेनिया, यूएसए से मैटलर्जिकल एंड स्टील वर्क्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने चले गए। सर गांधी ने 1917 में टाटा स्टील में योगदान किया। 1918 में, वे आगे की पढ़ाई के लिए यूएसए चले गए और 1921 में मेटलर्जिकल इंजीनियर के रूप में कंपनी में फिर से शामिल हो गए।
1938 में सर गांधी को टाटा स्टील के जेनरल मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया था। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय थे। 1956 में प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते में सर गांधी का महत्वपूर्ण योगदान था, जिसने कर्मचारियों और टाटा स्टील के प्रबंधन के बीच घनिष्ठ संबंध की नींव रखी। इससे प्रबंधन और कर्मचारियों की संयुक्त परिषदों की त्रि-स्तरीय प्रणाली का गठन हुआ। वे कल्याण और सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने और कर्मचारियों की कार्य स्थितियों में सुधार के लिए जिम्मेदार थे। वह 1964 में टाटा स्टील से डायरेक्टर-इन-चार्ज के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
उन्होंने टाटा लोकोमोटिव एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (टेल्को, अब टाटा मोटर्स) के निदेशक, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा संस के बोर्ड में निदेशक सहित कई अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाएं भी निभाईं। वह 1964 में मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने वाले पहले एशियाई भी थे।
सर गांधी को 1941 में कम्पेनियन ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द इंडियन एम्पायर (CIE) बनाया गया था और 1945 में नाइट की उपाधि दी गई थी। उन्हें 1958 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
17 अप्रैल, 1972 को जमशेदपुर, झारखंड में सर गांधी का निधन हो
गया।
टाटा स्टील सर जहांगीर जे गांधी को उनकी 126वीं जयंती श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
क्या आप जानते हैं?
जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (XLRI) में उनके नाम पर एक पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाता है जिसे औद्योगिक और सामाजिक शांति के लिए सर जहांगीर गांधी मेडल के नाम से जाना जाता है। 1949 में XLRI में स्थापित पुस्तकालय का नाम स्वर्गीय सर जहांगीर गांधी के सम्मान में 1972 में बदलकर उनके नाम पर रखा गया।