जमशेदपुर।
कोल्हान के सिखों की सर्वोच्च धार्मिक जनरल बार्डी सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान पद के लिए होने वाला चुनान दिलचस्प होता जा रहा है. प्रधानगी को लेकर चल रही खींचतान के बीच पिछले दिनों सिख राजनीतिक में बड़ा बवंडर मचा था. उसके बाद तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब ने यहां सीजीपीसी की कमान पांच मेंबरी कमेटी को सौंपी थी. वह कमेटी अब चुनाव की प्रक्रिया निभा रही है. इस बीच गुरुवार को सीजीपीसी प्रधान पद के लिए बलात्कार व अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में फरार चल रहे पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे की ओर से भी नामांकन पत्र 31 सौ रुपये की राशि देकर खऱीदा गया. दूसरे उम्मीदवारों की तरह मुखे का फार्म भी उसका प्रतिनिधि बनकर भगना लेने पहुंचा. मुखे के नामांकन पर्चा खरीदने के बाद जमशेदपुर की सिख राजनीति फिर गर्मा गई है. वहीं, आम सिख संगत में भी तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. नामांकन फार्म 25 नवंबर तक खरीदने का अंतिम दिन है. 26 को नामांकन फार्म जमा होंगे. अब यहां यह देखने लायक होगा कि फार्म भरने के लिए जमशेदपुर पुलिस की नजर में फरार चल रहे मुखे नामांकन पर्चा जमा करने के लिए किस रुप में आएंगे, क्योंकि नामांकन जमा करने के लिए संविधान के अनुरुप उम्मीदवार का मौजूद रहना अनिवार्य है. उधर, मुखे की एंटीसेपेट्री बेल पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई होनी है. ऐसे में यह चर्चा भी जोरों पर है कि क्या मुखे को कोर्ट से जमानत मिल जाएगी. वैसे, मुखे के अधिवक्ता ने जमानत लेने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है. अगर मुखे को जमानत मिल जाती है तो यह भी देखने लायक होगा कि उन्हें पांच गुरुद्वारा कमेटियों का समर्थन चुनाव लड़ने के लिए मिलता है या नहीं.
21 दिनों से फरार है मुखे
पांच नवंबर को कदमा की महिला ने मुखे पर बलात्कार व अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप लगाया था, जिसकी वीडियो भी पुलिस को सौंपी थी. उसके बाद मुखे पर कदमा थाना में मामला दर्ज किया गया. तब से ही मुखे फरार चल रहे है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं लगा है. मुखे की गिरफ्तारी को लेकर भतीजे व भगने को पुलिस ने उठाया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया था. मुखे की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं और पूर्व के पुलिसिया रिश्तों का फायदा होने की चर्चा से पुलिस अधिकारी पर भी उंगलियां उठ रही हैं.
अब तक इन्होंने लिया नामांकन पत्र
इधर, अब तक सीजीपीसी प्रधान पद का चुनाव लड़ने के लिए मानगो के प्रधान सरदार भगवान सिंह, नामदाबस्ती के प्रधान महेंद्र सिंह बोझा, सीतारामडेरा से सदस्यता लेकर साकची के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह मंटू, रिफ्यूजी कॉलोनी के प्रधान हरमिंदर सिंह मिंदी और सीजीपीसी के पूर्व प्रधान मुखे ने नामांकन पत्र खरीदा है. शुक्रवार को नामांकन पत्र खरीदने का अंतिम दिन है. इस बीच सिख समाज की गर्म राजनीति में कौन सा आयटम बम फूटेगा यह कहा नहीं जा सकता है.
मेंबरशिप जमा करने की भी अंतिम तिथी
पांच सदस्यीय कमेटी के समक्ष सीजीपीसी चुनाव को लेकर गुरुद्वारों की मेंबरशिप लेने का भी शुक्रवार को अंतिम दिन है. अब तक की जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन गुरुद्वारा कमेटियों ने अभी नामांकन नहीं लिया है. ऐसे में उन्हें वोट के अधिकार से वंचित रहना होगा. कमेटी के मुताबिक संविधान के अनुसार ही चुनावी प्रक्रिया की जा रही है. नामांकन पत्र जमा करने के लिए फार्मेट के मुताबिक पांच गुरुद्वारा कमेटियों का समर्थन मांगा गया है. उससे ज्यादा रहने पर उसका नामांकन रद्द किया जाएगा.