जमशेदपुर। श्री हरि गोबिन्द सेवा समिति द्धारा भुइयाडीह स्लैग रोड़ स्थित नीतिबाग कॉलोनी (डीएभी स्कूल के पास) में भागवत कथा के प्रथम दिन गुरूवार को वृदांवन से पधारे श्रीहरि जी महाराज ने व्यासपीठ से धुंधकारी व गौकर्ण की कथा सुनाया। उन्होंने अपने उद्बोधन में श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है। सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता। श्रीमद् भागवत कथा का 7 दिनों तक श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं, मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है, लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है। महाराज जी ने जीवन में भजन, और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती ,भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है। उपस्थित महिला एवं पुरुष श्रद्धालु देर संघ्या तक कथा में जमे रहे। इससे पहले सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य शुभारंभ सुबह स्वर्णरेखा नदी घाट से कलश में जल लाकर कथा स्थल में कलश स्थापित पूजा कर किया गया। आज के कथा को सफल बनाने में समिति के श्रीराम सरोज, डा. एसके तिवारी, दिलीप सिंह रविशंकर सिंह और महेश कुमार आदि का योगदान रहा।