जमशेदपुर।
श्री गुरु गोबिंद सिंह के नगर तख्त श्री पटना साहिब में करोड़ों के नकली सोने दान करने के चर्चित मामले को लेकर उत्पन्न खींचतान के बीच शुक्रवार को नया मोड़ आया. जहां पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर के मसले पर उन्हें समर्थन देने के आरोप में तख्त साहिब के पांच सिंह साहिबानों ने हुक्मनामा जारी करते हुए पटना कमेटी के महासचिव इंदरजीत सिंह को तनख्हिया घोषित कर दिया है. पंज सिंह साहिबान द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जमशेदपुर की सिख राजनीति में चल रहे उथल पूथल के बीच यह कार्रवाई सुर्खियों में बन गई है. इंदरजीत सिंह टेल्को गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान और सीजीपीसी के पूर्व प्रधान रह चुके हैं. सीजीपीसी से हटने के बाद उन्होंने पटना साहिब की ओर रुख किया था. उस वक्त उन्होंने सरदार शैलेंद्र सिंह को मात दी थी. इंदरजीत के पटना में काबिज होने के बाद शैलेंद्र सिंह के रास्ते पटना साहिब के लिए बंद हो गए थे, जो अब पुनः खुल गए हैं, जो शैलेंद्र सिंह और उनके समर्थकों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि देश विदेश में सिख राजनीति में बड़े नेता के रुप में शैलेंद्र सिंह पहचान बना चुके थे. पटना में इंदरजीत सिंह के जाने के बाद शैलेंद्र सिंह के सारे रास्ते बंद हो गए थे. बहरहाल, पांच सिंह साहिबानों ने इंदरजीत सिंह की कमेटी के ही सचिव हरबंश सिंह खनूजा पर तनख्हिया होने की कार्रवाई की गई है. पूर्व जत्थेदार रंजीत सिंह गौहर को भी तनख्हिया घोषित कर दिया गया है.
यह बना कार्रवाई का कारण
तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सह एडिशनल हैड ग्रंथी भाई बलदेव सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह, ग्रंथी क्रमशः भाई परशुराम सिंह, भाई जसवंत सिंह, भाई अमरजीत सिंह ने शुक्रवार को संगत की प्राप्त शिकायतों पर एकत्र हुए. जहां सर्वसम्मति से हुक्मनामा जारी किया गया. हुक्मनामें में कहा गया है कि गत 18 नवंबर को महासचिव इंदरजीत सिंह ने तानाशाही फरमान जारी करते हुए तनख्हिया करार रंजीत सिंह गौहर को तख्त हरिंमंदिर जी पटना साहिब में दोबारा सेवा में बहाल करके घिनौनी कार्रवाई की, जिसके कारण स्थानीय संगत, मुलाजिम, संत महापुरुष एवं पूरे संसार में बस रहे सिखों की भावना को बहुत ठेस पहुंची है एवं बहुत रोष है. उन्होंने जिम्मेदारी वाले पद में रहते हुए मर्यादा के उलट कार्रवाई की. उल्टे पांच सिंह साहिबान को ही नोटिस जारी कर दिया गया. साथ ही तनख्हिया को तख्त साहिब में ड्यूटी लगाए जाने का दोषी पाया गया है.
प्रबंधक कमेटी की एकत्रता में भी लगा बैन
हुक्मनामे के मुताबिक प्रबंध समिति की किसी भी बैठक में इंदरजीत सिंह के शामिल होने पर पाबंदी लगाई गई है एवं पद का इस्तेमाल भी नहीं कर सकते हैं. जो भी इंदरजीत सिंह से बोलचाल व मिलेंगे या किसी प्रकार की सांझ रखेंगे उन्हें भी तनख्हिया माना जायेगा.