जमशेदपुर।
कोल्हान के सिखों की सर्वोच्च धार्मिक जनरल बॉर्डी सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान पद के चुनाव को लेकर पारा सर चढ़ने लगा है. पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को दोपहर एक से तीन बजे तक नामांकन जमा करने की प्रक्रिया संपन्न हुई. चुनाव संचालन कर रही तख्त साहिब से गठित पांच सदस्यीय कमेटी के समक्ष सबसे पहले सीजीपीसी प्रधान पद के उम्मीदवार के लिए नामदाबस्ती गुरुद्वारा के प्रधान सह सीजीपीसी के पूर्व वरीय उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह बोझा, साकची गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान हरविंदर सिंह मंटू ने नामांकन जमा किया. ढाई बजे के करीब भारी दमखम के साथ सीजीपीसी प्रधान के प्रबल दावेदार भगवान सिंह कई गुरुद्वारों के प्रधान व महासचिवों और अपने समर्थकों से घिरे सीजीपीसी दफ्तर पहुंचे और नामांकन किया. अंत में रिफ्यूजी कॉलोनी के प्रधान हरमिंदर सिंह मिंदी ने भी अपना नामांकन भरा. इससे पूर्व प्रधान पद के लिए पांच मेंबरी कमेटी से पांच नामांकन फार्म बिके थे. चुनावी हलचल के बीच बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप में बुरे फंसे गुरमुख सिंह मुखे नामांकन करने नहीं पहुंचे, जबकि नामांकन करने के लिए उन्हें अदालत से अंतरिम राहत भी दी गई थी. चर्चा रही कि मुखे को नियम के मुताबिक पांच गुरुद्वारा कमेटियों का समर्थन नहीं रहा. प्रधानगी के कार्यकाल में उनके साथ रहने वाली कमेटियां भी भगवान सिंह के साथ दिखी.
28 को पांच मेंबरी कमेटी की बैठक
उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को जमा लेने के बाद पांच मेंबरी कमेटी ने उसे सीलबंद करते हुए सुरक्षित रख लिया है. रविवार को आराम करने के बाद सोमवार को पांच मेंबरी कमेटी सुबह बैठक करेगी. उसमें विचार करने के बाद ही चुनाव की आगे की प्रक्रिया की घोषणा की जाएगी. इसके अतिरिक्त गुरुद्वारा कमेटियों के मेंबरशिप और वोटरलिस्ट पर भी चर्चा होगी. कमेटी के दलजीत सिंह दल्ली, अमरजीत सिंह, गुरदयाल सिंह, तारा सिंह गिल ने बताया कि उम्मीदवारों के साथ बैठक करके ही आगे कार्रवाई की जाएगी, किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा.
साकची गुरुद्वारा से भगवान सिंह और मिंदी काफिले में बढ़े
नामांकन करने से पूर्व भगवान सिंह के समर्थन में गुरुद्वारों के प्रतिनिधि साकची गुरुद्वारा में जुटे. यहां गुरु का अटूट लंगर ग्रहण किया और अरदास करने के बाद नामांकन करने के लिए निकले. दूसरे उम्मीदवार हरमिंदर सिंह मिंदी भी साकची से ही निकले. दोनों उम्मीदवार एक साथ चल रहे थे, ऐसे में चर्चा रही कि मिंदी भी आपसी एका बनाते हुए भगवान सिंह को समर्थन करने वाले हैं. हालांकि शुक्रवार शाम तक मिंदी के मंटू को समर्थन करने की भी चर्चा होती रही, लेकिन वह भगवान सिंह के साथ दिखे, जिससे मंटू गुट को भी झटका लगा है. यहां से वाहेगुरु का जाप करते हुए सीजीपीसी दफ्तार ने दोनों उम्मीदवारों ने नामांकन किया और समाज में जो फूट पड़ी हुई है उसे दूर करने को प्राथमिकता बताया तांकि समाज नया कीर्तिमान स्थापित कर सके.
उनके साथ सरदार शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते समेत कीताडीह, गोलपहाड़ी, सरजामदा, होमपाइप, बारीडीह, साकची, बिरसानगर, बर्मामाइंस समेत कई गुरुद्वारों के प्रतिनिधि मौजूद थे. उधर, हरविंदर सिंह मंटू भी समर्थकों के साथ काशीडीह स्थित गंभीर दुकान से निकले और सीजीपीसी में नामांकन किया. टिनप्लेट के प्रधान तरसेम सिंह सेमे, सेंट्रल नौजवान सभा के प्रधान सतबीर सिंह गोल्डू और समाज में किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले प्रतिनिधि उनके साथ दिखे. नामदाबस्ती के प्रधान महेंद्र सिंह के साथ उनकी टीम मौजूद रही.
झामुमो महिला मोर्चा ने सीजीपीसी के बाहर किया मुखे का विरोध
चुनावी प्रक्रिया के दौरान सीजीपीसी दफ्तर के बाहर कुछ महिलाएं हाथों में बैनर लेकर पहुंची और पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे का विरोध किया. मुखे शर्म करो, मुखे गुनहगार को गिरफ्तार करो सलोगन के साथ महिला नारेबाजी कर रही थी. सविता देवी ने कहा कि मुखे ने प्रधान पद की गरिमा को कलंकित किया है. ऐसे में उसके नामांकन करने का हम विरोध करती हैं.
भगवान सिंह को समर्थन करने का साकची गुरुद्वारा के सदस्यों ने किया विरोध
उधर, जब भगवान सिंह के समर्थन में साकची गुरुद्वारा में समर्थक जुट रहे थे और साकची गुरुद्वारा के प्रधान निशान सिंह सबकी आवाभगत में थे. तभी निशान सिंह को साकची के चुनाव में खुलकर समर्थन करने वाले सतबीर सिंह गोल्डू, सन्नी सिंह व अन्य गुरुद्वारा परिसर पहुंचे और बिना सहमति के भगवान सिंह को समर्थन किये जाने का जमकर विरोध किया. इस दौरान अपशब्द तक भी मुंह से निकल गए. जोगिंदर सिंह जोगी पर वह अपना गुस्सा निकाल रहे थे. बाद में बंद कमरे में बैठक कर मामला शांत करने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी और निशाल सिंह का खुला विरोध करते हुए नारेबाजी करते हुए सदस्य चल दिये.
भगवान और मंटू में होगा सीधा मुकाबला
अब तक के निचोड़ के मुताबिक भगवान सिंह और हरविंदर सिंह मंटू में सीधा मुकाबला होना तय माना जा रहा है. भगवान सिंह लंबे समय से सीजीपीसी चुनाव की तैयारियों में लगे हुए हैं. इसका उन्हें फायदा मिलना भी लाजमी है, हालांकि मंटू भी गुपचुप रणनीति से आगे बढ़ रहे हैं और भगवान सिंह को टक्कर देने में कहीं चूक भी नहीं रहे हैं. अब सीतारामडेरा से मंटू की सदस्यता बरकरार रहती है तो चुनाव में कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है.