चरणजीत सिंह, जमशेदपुर।
टाटानगर रेलवे स्टेशन चौक स्थित जमशेदपुर शहर के चर्चित सिंह होटल में शुक्रवार को रेलवे बुलडोजर चलाकर अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करायेगा. गुरुवार शाम टाटानगर रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने अतिक्रमण हटाने संबंधित उदघोषणा माइk से इलाके में की और दोपहर दो बजे तक जगह खाली करने का सख्त आदेश दिया है. रेलवे के इस ऐलान के बाद जहां होटल संचालक में खलबली मच गई है. वहीं, स्टेशन में यह चर्चा का माहौल गर्म हो गया है कि क्या इस बार रेलवे सिंह होटल को अतिक्रमण मुक्त करा पायेगी या फिर पूर्व की तरह सेटिंग गेटिंग की खेला होबे. बहरहाल, इस बाबत इंजीनिरिंग विभाग के अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इंकार किया है.
रेलकर्मी ने रेलवे की जमीन का किया था अतिक्रमण
टाटानगर स्टेशन के सामने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर 1980 के दशक में होटल की शुरुआत की गई थी. तब रेलकर्मी अखिलेश सिंह ने जमीन को घेरा था. उसके बाद उसमें यूपी से आकर कुली सिंह ने होटल संचालित किया. तब से आज तक सिंह होटल का खूब नाम है. अखिलेश सिंह के बेटे टुनटुन सिंह उर्फ ओंकार नाथ सिंह भी रेलवे में कार्यरत थे. लेकिन बड़बिल में माइंस के धंधे में उतरने के बाद उन्होंने रेलवे से वीआरएस ले लिया. रेलवे में कार्य के दौरान टुनटुन सिंह ने यूनियन की नेतागिरी भी करते थे. उनके द्वारा लैंड का भाड़ा वसूला जाता है. इस बीच कई बार अतिक्रमण हटाने को लेकर रेलवे संघर्ष करती रही, लेकिन मामले को कोर्ट में घसीट दिया गया. इधर, कई वर्षों से मामला हाईकोर्ट में चल रहा था. दो तीन बार स्टे भी लिया गया था, लेकिन बुधवार को रेलवे हाईकोर्ट से उक्त केस को जीत गई, जिसके बाद आनन फानन रेलवे जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की तैयारी में है. 1998 में स्टेशन कीताडीह रोड में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण चला था. तब के एईएन बीके गंगोपाध्याय खूब चर्चा में आए थे, लेकिन स्टेशन सिंह होटल बच गया. जबकि पास में मीरा लॉज, संकटा सिंह की 18 दुकानें समेत कई बड़े प्रतिष्ठान जमींदोज कर दिये गए थे. गंगोपाध्यालय के टुनटुन सिंह के साथ गहरे संबंध बने थे, जिसका उन्हें लाभ मिलता रहा था. वर्तमान में टुनटुन सिंह जुगसलाई में एक हत्या मामले में जेल में है. वहीं कोर्ट से केस हारने के बाद कुली सिंह बुधवार से रांची में डेरा डाले हुए हैं. वे होटल को बचाने की जुगत में भिड़े हुए हैं. इस मामले के वे खिलाड़ी भी माने जाते हैं. इस बार वे होटल बचा पाने में सफल होते हैं कि नहीं यह शुक्रवार को पता चलेगा.
मोहित होटल को फिलहाल राहत
फिलहाल, स्टेशन मेन रोड स्थित सबसे पुराने मोहित होटल को राहत है. उसका भी फैसला कोर्ट से जल्द आने की बात कही जा रही है. चर्चा है कि सिंह होटल टूट गया तो उसे रेलवे कभी भी खाली करा सकती है. कुछ वर्ष पूर्व कृष्णा होटल को रेलवे ने जमींदोज कर दिया था. वैसे अब तक यह सब सेटिंग गेटिंग पर निर्भर होता आया है.