जमशेदपुर।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद झारखंड द्वारा परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का की 51वीं पुण्यतिथि पर उनके पैतृक निवास स्थान , ग्राम जारी , जिला गुमला में बलिदान दिवस मनाया गया। इस शौर्यमयी अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष कर्नल अखौरी रंजन सिन्हा, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश पांडेय एवम प्रदेश महामंत्री अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में , जमशेदपुर , रांची, बोकारो, लोहरदगा, पलामू, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद, की जिला इकाइयों के अधयक्ष एवम महामंत्रीय का एक 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल उनके पैतृक गांव जा कर सैन्य परंपरा के अनुसार श्रद्धा सुमन अर्पित किए ।
प्रदेश अध्यक्ष ने इस अवसर पर उपस्थित स्कूली बच्चों एवम NCC cateds को परमवीर शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का की बहादुरी के किस्से सुनाए एवम जारी ग्राम के हरेक बच्चे को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आवाहन किया। प्रदेश उपाध्यक्ष ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की वीरता , अदम्य साहस , शौर्य , पराक्रम एवम सर्वोच्च बलिदान की परंपरा के संस्मरणों को याद करते हुए कहा की समस्त विश्व के सैन्य इतिहास में भारतीय सेना द्वारा, लड़ा गया यह युद्ध दुनिया में सबसे कम समय में लड़ने और जीत दिलाने वाला युद्ध है और इस युद्ध के परिणाम स्वरूप विश्व मानचित्र पर बांग्लादेश नामक राष्ट्र का अभ्युदय हुआ।
संगठन के संस्थापक वरुण कुमार ने अल्बर्ट एक्का को नमन करते हुए यह बतलाया कि किस प्रकार उनके अदम्य साहस ने भारतीय सेना को गंगा सागर युद्ध क्षेत्र में एक विजयी मुकाम पर ला खड़ा किया।
श्री जूलियस एक्का और श्रीमती मरियम एक्का के पुत्र एलबर्ट एक्का 27 दिसंबर 1962 को ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स की 14वीं बटालियन में शामिल हुए। जब 1971 का भारत-पाक युद्ध छिड़ गया, तो लांस नायक अल्बर्ट एक्का की इकाई गंगासागर की लड़ाई में शामिल हो गई, जो बांग्लादेश में अपने लक्ष्य की ओर भारतीय सशस्त्र बलों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने में बहुत महत्वपूर्ण थी।
14 गार्ड्स ने 03 दिसंबर 1971 की रात को दुश्मन के ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया। लांस नायक अल्बर्ट एक्का हमले में बटालियन की लेफ्ट फॉरवर्ड कंपनी के साथ गए। लांस नायक एक्का ने दुश्मन की लाइट मशीन गन को एक बंकर से फायरिंग करते हुए देखा, जिससे भारी जनहानि हो रही थी। व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह न करते हुए, उन्होंने बंकर पर हमला किया, दो सैनिकों पर संगीन वार किया और बंकर चौकी पर कब्जा कर लिया। बदले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए और अंततः वीरगति को प्राप्त हुए और गंगासागर की लड़ाई में उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई ने भारत के पक्ष में युद्ध का रुख बदल दिया। लांस नायक अल्बर्ट एक्का को उनके अदम्य साहस, दृढ़तापूर्वक लड़ाई की भावना और सर्वोच्च बलिदान के लिए देश का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, “परम वीर चक्र” दिया गया।
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों, एवम गणमान्य अतिथियों ने अपने माटी के लाल की गौरवगाथा एवम बलिदान के गीत गाए एवम मंदर इक ढोलक की थाप पर पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए।
इस मौके पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रदेश एवम जिला पदाधिकारियों में संथापक वरुण कुमार, लेफ्टिनेंट ए पी पांडे, कैप्टन डी डी त्रिपाठी, कैलाश कुमार, जितेंद्र पांडेय, लल्लन ठाकुर, सत्यप्रकाश, अनिल सिन्हा, सूवेदार ललन कुमार ठाकुर,रविन्द्र कुमार,सूर्य नारायण ओरांव, हवलदार विनय यादव,जितेंद्र कुमार,सुरेंद्र सहदेव,जितेंद्र पांडे,डिम्पज कुमार,नायक जयप्रकाश सहित अनेको पूर्व सैनिक सदस्य उपस्थित थे।