जमशेदपुर।
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) की नयी कमेटी को लेकर चुनावी माहौल पूरे उफान पर है.
इसके मद्देनजर उम्मीदवार अपने आप को साबित करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहें हैं.
इसी बीच दो दिन पूर्व एक प्रत्याशी ने जात-पात का मुद्दा उठा कर एक नयी बहस को जन्म दे दिया है, जिसपर सिख
समाज के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक सिख केवल सिख होता है.
उसकी जात धर्म केवल सिक्खी है,
इसलिए जात-पात की बात करना अर्थहीन है.
प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने कहा की सिखों के पवित्र धर्म ग्रन्थ श्री गुरुग्रन्थ साहिब के अंग 731 में चौथे गुरु राम
दास जी ने कहा है “हमरी जात पात गुर सतगुर, हम वेचयो सिर गुर के” अर्थात गुरु ही मेरी जात है गुरु ही मेरी इज्जत है.
मैंने अपना सिर गुरु को बेच दिया है. उन्होंने कहा कि जिस गुरु नानक साहिब का प्रकाश पर्व मना के हम हटे हैं. उन्होंने
ही हमें जात पात से दूर रहने की शिक्षा दी है. अगर हम गुरु साहिब का फ़रमान नहीं मान सकते तो हम सिख है ही नहीं
और जो सिख है, उसकी जात सिर्फ़ सिख है. प्रचारक जमशेदपुरी का कहना है कि जो सिख गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज
द्वारा दी गई खण्डे की पाहुल ले लेता है. उसकी जात सिर्फ़ सिख है न की कोई और. जो भी शख्स गुरु घर का सेवादार है
या बनना चाहता है. जात-पात को दरकिनार कर अपने अंदर से निकाले क्योंकि श्री गुरुग्रंथ साहिब में जात-पात का पूर्ण
रूप से बहिष्कार किया गया है.