दरभंगा।
दरभंगा एम्स के निर्माण में हो रही देरी का मुद्दा फिर गूंजा लोकसभा में, सोमवार को दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर ने नियम 377 के तहत जन स्वास्थ्य से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण विषय एम्स दरभंगा के निर्माण में हो रहे विलंब के मामले को संसद के पटल पर रखने का कार्य किए। सांसद डॉ ठाकुर ने सदन में बोलते हुए कहा कि मिथिला एवं उत्तर बिहार के केंद्र दरभंगा में भारत सरकार के माध्यम से 750 बेड वाले बिहार के दूसरे एम्स का निर्माण 1264 करोड़ की लागत से होना सुनिश्चित है। मिथिला क्षेत्र के लोगों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा स्थानीय स्तर पर मुहैया कराने को मद्देनजर रखते हुए
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार 15 सितंबर 2020 को केंद्रीय कैबिनेट के माध्यम से दरभंगा में नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना को मंजूरी दी गई थी। परंतु बिहार सरकार द्वारा आज तक 200 एकड़ जमीन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण इसका निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि 2015-16 के बजट में मोदी सरकार ने दरभंगा एम्स सहित कई अन्य राज्यों में एम्स निर्माण को स्वीकृति दी थी। जहां अन्य सभी राज्यों में स्वीकृत एम्स बनकर जनता को सेवा दे रही है, वहीं दरभंगा एम्स आज तक बिहार सरकार से जमीन हस्तांतरण का बाट जोह रहा है। सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि दरभंगा में एम्स नही बने इसको लेकर बिहार सरकार पूरी तरह प्रयासरत है और इसको लेकर कई प्रकार का प्रपंच रचने का भी कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जब बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार थी तो तत्कालीन भाजपा कोटे के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के दवाब पर बिहार सरकार दरभंगा एम्स निर्माण हेतु 200 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने हेतु राज्य कैबिनेट से मंजूरी दे दी थी। परंतु बिहार में सरकार बदलने के पश्चात से ही वर्तमान ठगबंधन सरकार द्वारा इसे रोकने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीते महीने बिहार सरकार द्वारा 81 एकड़ जमीन दरभंगा एम्स को पेपर पर हस्तांतरित किया गया था, परंतु भौतिक रूप से अभी भी इस ग्रीन फील्ड जमीन का हस्तांतरण प्रतीक्षारत है और शेष 120 एकड़ जमीन बिहार सरकार कब तक एम्स को हस्तांतरित करेगी इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। जमीन के अभाव में केंद्र सरकार के स्तर पर होने वाली सारी कार्य प्रभावित हो रही है। बिना ग्रीन फील्ड भूमि के एम्स निर्माण हेतु मास्टर प्लान बनाने में काफी कठिनाई आ रही है, वहीं केंद्रीय टीम का निरीक्षण भी प्रभावित हो रहा है।
बीजेपी सांसद ने बिहार सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह आठ करोड़ मिथिलावासियों सहित संपूर्ण बिहारवासियों के सेंटीमेंट से खेलना छोड़ दे। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि दरभंगा एम्स निर्माण में बिहार सरकार अतिशीघ्र 200 एकड़ जमीन के साथ साथ अन्य मूलभूत सुविधा दरभंगा एम्स को उपलब्ध करा दें ताकि एम्स का निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके।
वहीं सांसद डॉ ठाकुर ने सदन के माध्यम से भारत सरकार से एम्स, दरभंगा में अगले शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस पढ़ाई प्रारंभ और एम्स का शिलान्यास और निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु समय सीमा निर्धारित करने का भी अनुरोध किए। उन्होंने कहा कि एम्स आम जनता विशेषकर गरीब, महिला, युवा, बच्चों के मूलभूत स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ा मामला है, और इससे उत्तर बिहार के आठ करोड़ लोग,पश्चिम बंगाल के छः जिला सहित नेपाल के चौदह जिला के करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में बिहार सरकार द्वारा जानबूझकर जो खेल रचा जा रहा है, वह ज्यादा दिनों तक चलने वाली नही है। भलाई इसी में है की बिहार सरकार एम्स निर्माण हेतु 200 एकड़ भूमि अन्य संसाधन के साथ जल्द मुहैया करा दे, अन्यथा जिस दिन आमलोगों के सब्र का बांध टूटेगा, उस दिन बिहार में इनका हश्र काफी बुरा होगा।
सांसद ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के दूरदर्शी सोच एवं दृढ़ निश्चय के कारण ही प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत दरभंगा में एम्स का निर्माण संभव होगा। एम्स राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है और उसी के अनुरूप दरभंगा में इसका निर्माण किया जाएगा। इसके बन जाने से संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा और अनुसंधान जैसे सुविधाओं का लाभ मिलेगा।