जमशेदपुर। जुगसलाई एमई स्कूल रोड़ स्थित श्री राजस्थान शिव मंदिर परिसर में चल रहे संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को प्रसिद्ध जीवन प्रबंधन गुरू पंडित विजयशंकर मेहता ने व्यास पीठ से कपिल गीता, शिव-सती चरित्र, धु्रव चरित्र आदि प्रसंगों की व्याख्या सुमधुर भजनों के साथ की। जरा मुस्कुराइए…. की धुन पर भजनों की प्रस्तुति पर सभी श्रोताओं ने तालियां बजाकर मुस्कान बिखेरी। उन्होंने कहा कि शिव-पार्वती की तरह अपने दाम्पत्य को दिव्य बनाएं, तभी परिवार सधेगा। परिवार में संतुष्टि होगी तो आनन्द और खुशी दोगुनी हो जाएगी। पति-पत्नी के एकांत में कामकथा की जगह रामकथा होगी तो संतानें भी दिव्य होगी। पंडित मेहता जी ने आगे कहा कि भगवात कथा में भगवान शिव-सती प्रसंग से हमें यह सीख मिलती हैं कि सफल दाम्पत्य के लिए पति-पत्नी द्धारा एक-दूसरे को सम्मान देना ,और भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अगर पति-पत्नी अपने एकांत को बचा लें, अकेले रहकर प्रेमपूर्ण हो जाएं, ईमानदार हो जाएं तो इसका सबसे बड़ा असर पड़ता है संतान पर। माता-पिता और संतान, यदि इनका तालमेल ठीक हो तो भारत के परिवारों को कोई तोड़ नहीं सकता। आज के समय में बिखरते रिश्तों को थामकर रखने का महत्व बहुत बढ़ गया है। पति-पत्नी के लिए समझना जरूरी है कि उनका साथ और उनकी समझ ही उनकी शक्ति है। भगवान शिव और देवी पार्वती की जोड़ी ऐसा ही सात्विक जुड़ाव लिए है। कथा से जुड़े प्रसंगों के आधार पर भजनों की प्रस्तुतियां दी गयी। कथा स्थल में उपस्थित श्रोताओं ने भजनों की धुन पर गुनगुनाकर तालियां बजाई। पूजा के मुख्य यजमान बीणा-जयराम चौधरी थे।
सोमवार की कथाः- कथा के तीसरे दिन सोमवार को जड़ भरत कथा, अजामिल प्रसंग, प्रहलाद, नरसिंह अवतार आदि प्रसंगों की व्याख्या पंडित मेहता करेंगें। उन्होंने कथा के पहले दिन शनिवार को परिवार प्रबंधन के सूत्र-संयम के आधार पर कथा की व्याख्या की थी।
पंडित मेहता से मिले सरयू रायः- जमशेदुपर पूर्वी के विधायक सरयू राय रविवार की सुबह जीवन प्रबंधन गुरू पंडित विजयशंकर मेहता से जुगसलाई स्थित एक होटल में मिले। चौधरी परिवार द्धारा विधायक सरयू राय को सम्मानित किया गया। सरयू राय ने पंडित मेहता से आशीर्वाद लिया। सरयू राय ने बताया कि सोमवार 19 दिसंबर से 23 दिसंबर शुक्रवार तक विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहुत है इसलिए शाम में होने वाले भागवत कथा में शामिल नहीं हो सकता। इसलिए पंडित जी से मिलकर आशीर्वाद लेने आ गया।
इनका रहा योगदानः- आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से जयराम, नवनीत, रतन, पुरूषोतम, आनन्द, निशी, नेहा, श्वेता, सुरेश, विशाल, मनोहर, बंटी, श्रवण, सुनील, बिल्लू, समेत चौधरी परिवार के सभी सदस्यों का योगदान रहा। मालूम हो कि पंडित मेहता अपनी मौलिक विचार दृष्टि और ओजस्वी वाणी के साथ जीवन प्रबंधन एवं परिवार प्रबंधन पर व्याख्यान एवं कथाओं की व्याख्या के लिए जाने जाते हैं।