जमशेदपुर।
जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने आज लोकसभा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे में मिलने वाली छूट का मामला को उठाया । सांसद ने कहा है कि कोविड -19 के मामला खत्म हो गया है। लेकिन रेलवे वरिष्ठ नागरिकों में 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं को 50% एवं 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों तथा पुरुष ट्रांसजेंडर सभी वर्गों में 40% का छूट ट्रेन यात्रा के दौरान टिकट आरक्षण का लाभ उन्हें मिलना अभी भी बंद है । उन्होंने कहा है कि आज जो युवा है भविष्य में वह बुजुर्ग होंगे तथा आज के जो वरिष्ठ व्यक्ति हैं उन्होंने अपनी सेवा देश एवं समाज के लिए दी है तथा वे अनुभवो भी हैं उनके अनुभव से देश को फायदा होगा। इसलिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत वरिष्ठ नागरिकों को रेल में छुट दिया जाए।
क्या कहा संसद में सांसद ने
सांसद विद्युत वरण महतो नें नियम 377 के अधीन सूचना के तहत मामले को उठाते हुए कहा कि मैं सरकार का ध्यान एक अति महत्वपूर्ण विषय की और आकर्षित कराना चाहता हूँ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के पूर्व वरिष्ठ नागरिक रियायतों (Senior citizen Concession) के तहत वरिष्ठ नागरिकों में 58 वर्ष और उससे अधिक आयु की महिलाओं को 50% एवं 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों तथा पुरुष ट्रांसजेंडर सभी वर्गों में 40% का छूट ट्रेन यात्रा के दौरान टिकट आरक्षण का लाभ उन्हें मिलता था, जो रेलवे बोर्ड ने बंद कर दिया है। यह ज्ञातव्य है कि लगभग ढाई-तीन वर्षों के बाद अब जब सभी चीजों के साथ धीरे-धीरे जीवन सामान्य हो रहा है। लेकिन रेलवे बोर्ड ने अभी तक वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ट्रेन यात्रा में रियायतों की सुविधा को पुनः बहाल नहीं किया गया है।
देशभर के वरिष्ठ नागरिकों ने उक्त सुविधा को पुनः बहाल करने की मांग की जा रही है। आज जो युवा है भविष्य में वह बुजुर्ग होंगे तथा आज के जो वरिष्ठ व्यक्ति हैं उन्होंने अपनी सेवा देश एवं समाज के लिए दी है तथा वे अनुभवो भी हैं उनके अनुभव से देश को फायदा होगा। इसलिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
स्पेशल चार्ज को हटाने की मांग रखी
इसी तरह कोविड-19 के दौरान देश भर की सभी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन घोषित किया गया था जिससे कोविड- 19 स्पेशल ट्रेन के टाइम को रेलवे बोर्ड ने हटा लिया गया है। परंतु पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों से अभी भी स्पेशल ट्रेन का किराया लिया जा रहा है जबकि पैसेंजर ट्रेनों में अधिकांशतः गरीब, मजदूर, आदिवासी, पिछड़े ही ज्यादा यात्रा करते हैं।
उन्होने रेल मंत्री से अनुरोध किया हैं कि उपरोक्त मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए देश हित में रेलवे बोर्ड के द्रारा जारी उक्त आदेशों को रद्द करते हुए वरिष्ठ नागरिक रियायतों को पुनः लागू करने एवं पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों से स्पेशल ट्रेन के किराए में छूट दे।