रांची। राज्य के मुख्य सचिव रहे और अब झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि गुड गवर्नेंस एक सतत्
प्रक्रिया है, इसमें ठहराव नहीं है। गुड गवर्नेंस का उद्देश्य कमजोर वर्ग के लोगों पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक
अधिकारियों का लोक हित की योजनाओं को अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति तक पहुंचना लक्ष्य होना चाहिए। वे आज श्री कृष्ण लोक सेवा
संस्थान में आयोजित गुड गवर्नेंस सप्ताह पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि हमें सिस्टम में पारदर्शिता लानी होगी। यह कहना आसान है कि सोशल जस्टिस का समावेश हो रहा है।लोगों
को न्याय मिल रहा है, लेकिन इसे गंतव्य तक पहुंचाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति बराबर का दर्जा रखता
है, न्याय मिलने में किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
बता दें कि श्री कृष्ण लोक सेवा संस्थान में 19 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुड गवर्नेंस सप्ताह पर राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन
किया जा रहा है।
कार्यशाला में अति विशिष्ट अतिथि आदित्य स्वरूप ने कहा कि प्रजा की खुशी में ही राजा की खुशी होती है। उन्होंने कहा कि पदाधिकारी
किसी प्रकार की शिकायत आने पर उस पर त्वरित कार्यवाही करें और अपनी जवाबदेही को समझें। उन्होंने कहा कि समाज के हर
तबके तक सरकार का न्याय पहुंचना चाहिए। हमें विशेषकर कमजोर तबके पर अपना ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी
आवाज कई बार हम तक नहीं पहुंच पाती। न्याय में किसी प्रकार का पक्षपात ना हो, न्याय हमेशा पारदर्शी होना चाहिए।
कार्यशाला में डॉ. के. श्यामला, एसोसिएट प्रोफेसर, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडीज एंड रिसर्च इन लॉ, रांची, ने गुड गवर्नेंस एवं रूल
ऑफ लॉ के बारे में अपने अनुभव बताये। वहीं आईआईएमएम रांची के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री अंबुज आनंद ने भी गुड गवर्नेंस एंड
डेवलपमेंट पर अपने अनुभव साझा किये।
कार्यशाला में राजस्व विभाग की झारभूमि वेबसाइट पर किस प्रकार निबंधन करना है और कृषि विभाग के द्वारा किसानों को दी जा रही
ऑनलाइन सुविधाएं, उनके ब्लॉकचेन एप्लीकेशन के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई।
कार्यशाला में संयुक्त सचिव, कार्मिक विभाग, रंजीत कुमार लाल, अपर निदेशक अनिल कुमार, स्किपा, संयुक्त निदेशक, मीना, स्किपा,
समेत कृषि एवं राजस्व विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।