जमशेदपुर। बिष्टुपुर मेन रोड़ श्रीराम मन्दिर में आगामी बुधवार 28 दिसम्बर 2022 से 5 जनवरी 2023 गुरूवार तक श्री अम्बा यज्ञ नव कुण्डीय श्री सहस्त्रचंडी महायज्ञ एवं श्रीमदद्देवी भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन होने जा रहा हैं। श्रीविद्या शक्तिसर्वस्वम् चेन्नई के नेतृत्व में टाटानगर ईकाई द्धारा जगज्जननी भगवती श्रीमाता ललिताम्बा की महती कृपा और अलौकिक संयोग से लौहनगरी में दूसरी बार आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम की सभी तैयारियां पुरी कर ली गयी हैं। सभी कार्यक्रमों का पावन सानिध्य परमपूज्य श्री विजय गुरुजी महाराज के सानिध्य में संपन होगा। 05 दिसम्बर गुरूवार को यज्ञ हवन की पूर्णाहुति के साथ ही महा भंडारा का आयोजन होगा, जिसमें हजारो की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
इस संबध में सोमवार को बिष्टुपुर श्रीराम मन्दिर परिसर में आयोजनकत्ताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 28 दिसम्बर बुधवार को प्रातः 8 बजे से बिष्टुपुर स्थित लक्ष्मी नारायण गोस्वामी परमहंस मंदिर से 1100 महिलाओं द्वारा ंभव्य कलश यात्रा निकलेगी, जो बिष्टुपुर रीगल चौक मुख्य मार्ग होते हुए बिस्टुपुर राम मंदिर में समापन होगी। इसी दिन संध्या 3 बजे अरवी मंथन द्वारा अग्नि प्रज्वलित की जाएगी। दूसरे दिन 29 दिसम्बर गुरूवार से 04 जनवरी बुधवार तक रोजाना प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक यज्ञ हवन 37 जोड़ों द्वारा किया जायेगा। 701 आहुति के माध्यम से विधिवत रूप से 71 वैदिक विद्वान द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ यज्ञाचार्य श्री नेमि चंद शास्त्री के देख रेख में सम्पन होगा। 28 दिसम्बर से रोजाना संध्या 4 बजे से 7 बजे तक प्रतिदिन श्रीमद भागवत कथा परम पूज्य श्री विजय गुरूजी महाराज (चेन्नई) के मुखार बिन्द से होगी। कथा के उपरांत सभी भक्तो के बीच भंडारा प्रसाद का भी आयोजन किया गया है। 31 दिसम्बर शनिवार की रात को विशेष आकर्षक के रूप में माता की चौकी का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में वर्ष 2022 की विदाई एवं 2023 नववर्ष का स्वागत बड़ी धूमधाम से माता के श्री चरणों में किया जायेगा। इस कार्यक्रम में भजनो की गंगा प्रवाहित करने हेतु शहर के भजन गायक के अलावा प्रख्यात भजन गायिका उमा लहरी (जयपुर) द्वारा भजनो की अमृत वर्षा की जाएगी। आयोजकों ने बताया कि यज्ञ एवं हवन हेतु 55 गुणा 55 (31 सो) 3100 स्क्वायर फीट की पूर्ण रूप से नए लोहे की शीट से यज्ञशाला निर्माण किया गया है। जिसमे अलग-अलग देवता के 16 स्तम्भ बनाये गए हैं। सनातन धर्म के अनुसार सभी स्तम्भ के अलग अलग महत्व है। इसके अलावा हवन के लिए 9 कुंड तैयार किये गए हैं। उन्होंने बताया कि हवन कुंड की परिक्रमा के भी अनेक फायदे होते हैं। इसलिए भक्तों की सुविधा के लिए परिक्रमा के लिए मात्र 10 रुनये में पूजन वस्तु उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही हर दिन पूजन का आरंभ गौ पूजा से होगी। इसलिए मंदिर परिसर में एक गौशाला भी बनाया गया है। जहां भक्त गौ सेवा कर सकेंगे। संवाददाता सम्मेलन में नेमि चंद शास्त्री, दिलीप कुमार रिंगसिया, राजेश पसारी, पवन अग्रवाल, अशोक दाहिमा, अरूण बांकरेवाल, बिमल गुप्ता, आशीष अग्रवाल, अशोक मोदी, प्रदीप अग्रवाल, मनोज गुप्ता आदि उपस्थित थे।