जमशेदपुर। नए साल में स्टेट के 21 नेटवर्क में 24 नए ट्रॉमा सेंटर साइट की तैयारी की जा रही है। पीपीपी मोड पर संचालित होने वाले ट्रॉमा सेंटर पर लगभग 14.53 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जिसकी स्वीकृति दी गई है। 24 नए ट्रॉमा सेंटर साइट पर जाने की तैयारियों पर बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से पहले पूर्व के बने ट्रॉमा सेंटर को दुरुस्त दावा करने वाले और खराब पड़े उपकरण और चिकित्सक की समस्या को दूर करने की मांग की है। बुधवार को भाजपा प्रदेश के प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सोच अच्छी है, लेकिन प्रदेश में दम तोड़ रही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना बेहतर कदम होता है। उन्होंने कहा कि सालों से बिना मैनपाव के डॉक्टर खुले खाएंगे डिवाइस सहित अन्य सुविधाओं से जुझते एनएच 33 पर स्थित बहरागोडा और बरही के 2 महत्वपूर्ण ट्रामा सेंटर को दुरुस्त काम की पहली शुरुआत की जानी चाहिए।
कुणाल ने कहा कि एन एच-33 पर होने वाली दुर्घटना के मद्देनजर घायलों को तत्काल और लेबल उपचार के लिए 2011 में ट्रामा सेंटर की राज्य स्थापना सरकार ने की थी। आज 2022 का विदा होने को है लेकिन अब तक यहां डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। केवल दो कर्मचारियों के भरोसे चलता है। यहां अक्सर ताला लटका रहता है। 1.31 करोड़ की लागत से बने ट्रामा सेंटर का प्रभाव न रहने से घायलों को पीएचसी बहरागोड़ा ले जाया जाता है जहां से गंभीर रुपये से घायलों को लगभग 100 किलोमीटर दूर एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर रेफर कर दिया जाता है। की मौत हो जाती है या फिर समय पर इलाज शुरू न होने से बेहतर इलाज नहीं हो पाता है जिससे कई जिंदगियां तय हो जाती हैं।
प्रदेश के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि ट्रॉमा सेंटर ने साइट पर जाकर घोषणा की कि सिर्फ वाहवाही लूट का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल MGM, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल का दायरा है जिसमें पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था है। अस्पताल में खराबी से जूझ रहे हैं तो स्वास्थ्य जांच के मूल उपकरण भी सालों से खराब हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर पहल बिना सिर्फ बिल्डिंग बनाने से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं किया जा सकता है। कुणाल षाड़ंगी ने पूर्व के बने ट्रॉमा सेंटर को गलत कर प्रमाणीकरण के रूप में संचालित करने की मांग की है।