जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट में चल रहे श्रीमद् भागवत और श्री पाशुपात्य व्रत शिवकथा महोत्सव ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन शुक्रवार को कथा वाचक स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने ओंकारेश्वर, विश्वनाथ महाकाल समेत अन्य कथा का विस्तार से वर्णन किया। कहा कि भगवान शिव कल्याण और सुख के मूल सो्रत हैं। कलियुग में शिव कथा के समान कोई भी कल्याणकारी सरल मार्ग नहीं है, क्योंकि शिव कथा से शरीर, वाणी व मन द्वारा किए हुए पाप धुल जाते हैं। भगवान शिव पर एक बेलपत्र और एक लोटा जल चढ़ाने से मनुष्य को सभी समस्याओं का हल मिलता हैं। भगवान शिव जन जन का कल्याण करते हैं। शिव कथा जीव के पूर्व जन्मों के समस्त पापों को दूर कर शिव कृपा का मार्ग प्रशस्त करती है।
महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी से कहा कि भगवान शिव की महिमा को यदि हम शब्दों में व्यक्त करना चाहे तो नहीं कर सकते क्योंकि उनकी ऊंचाई को यदि मापना चाहे तो आकाश के सामान और गहराई सागर के समतुल्य है। भगवान शिव जो कल्याण एवं सुख मूल के स्त्रोत है। जो संपूर्ण विद्याओं के ईश्वर, समस्त भूतों के अधीश्वर, ब्रह्मवेद के आदिपत्य एवं साक्षात परमात्मा है।
महाराज जी ने कथा के माध्यम से भगवान श्री शिव के अलग-अलग रूपों की जीवंत झांकियों का दर्शन कराया। शिव कथा के दौरान हुए भजन संगीत कार्यक्रम एवं धार्मिक धुन पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया। आज के यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा थे।
शुक्रवार को विभिन्न राजनीतिक एंव सामाजिक संगठन के गणमान्य टिनंप्लेट के एमडी आर एन मूर्ति, टेल्कन के पूर्व एमडी रणवीर सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार ब्रजभूषण सिंह, जय प्रकाश राय, राघवेन्द्र, भाजपा किसान मोर्चाे के प्रदेश उपााध्यक्ष राजकुमार सिंह, जिला परिषद उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, ज़िला परिषद सदस्य परितोष सिंह, सिंहभूम चौम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मुकेश मित्तल, विवेक चौधरी निरंजन गुप्ता, एम के झा, संजय झा, सुनील सेठ, मनोज सिंह, आलोक पाठक, प्रभात दास, हरेराम ओझा, अख़्लेश कुमार सिंह, अजय गुप्ता, संजय सिन्हा, संजीव सिंह, पप्पू सिंह, महेंद्र पांडे, कमलेश दूबे, मनमोहन खंडेलवाल, रामाश्रय सिंह, विजय तिवारी, विनोद जायसवाल, तरनप्रीत आदि ने शिव और बांके बिहारी के दरबार में हाजरी लगायी और कथा का आनन्द लिया।
साथ ही स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में कृष्ण शर्मा काली, जयप्रकाश शर्मा, गोविन्दा शर्मा, राखी शर्मा, रवि शर्मा, चंदन शर्मा, शत्रुधन शर्मा, श्रवण शर्मा सहित पूरे शर्मा परिवार का योगदान रहा।