जमशेदपुर।
लेखिका कुमारी छाया कि तीसरी पुस्तक “ज़िन्दगी अभी बाकी है…” पाठकों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है जिसमें उन्होंने केन्सर के साथ अपने सफर को साझा किया है। उनकी यह पुस्तक समान बीमारी से जूझ रहे इंसान को जरूर संबल देगी। लेखिका 2020 से केन्सर रोग से ग्रसित है। पुस्तक में उन्होंने केन्सर के साथ अपने अनुभवों को साझा करने का प्रयास किया है कि कैसे केन्सर रोग से ग्रसित होने पर भी जीवन को सरलता से जीने की कोशिश की जा सकती है। पुस्तक में उन्होंने कुछ बातें बताई है जिसका अनुसरण कर इस रोग से लड़ने में वो सफल हो पा रही है । लेखिका झारखंड के जमशेदपुर शहर से है और गोलमुरी निवासी रमेश कुमार सिंह और वीणा सिंह की सुपुत्री है। लेखिका की यह तीसरी पुस्तक है और यह केन्सर रोगियों के लिए काफी प्रेरणादायी होगी । उनकी पहली पुस्तक “एक प्याली चाय” (2021) तथा दूसरी पुस्तक “मेरी उम्मीद की ओर” (2022) में प्रकाशित हुई है। “ज़िन्दगी अभी बाकी है” उनकी तीसरी पुस्तक है। पहली दोनों पुस्तक कविताओं की है पर इसबार कुछ अलग लिखने के प्रयास में उन्होंने केन्सर पर अपने अनुभवों को बाँटा ताकि समान बीमारी से जूझ रहे लोगों को प्रेरित कर सके। पुस्तक में उन्होंने प्रेरणादायी पंक्तियाँ भी लिखी है। पुस्तक में उन्होंने बताने का प्रयास किया है कि ज़िन्दगी से हार नही माने क्योंकि ईश्वर के हर फैसले में कुछ अच्छाई छिपी होती है। लेखिका बताती है कि केन्सर से लड़ने में उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा।