जमशेदपुर।
कोर्ट फीस संशोधन विधेयक को वापस लेने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने 6 और 7 जनवरी को खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर उक्त विरोध किया गया था. शनिवार दूसरे दिन जिला बार संघ में तदर्थ समिति के अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबष्ठ के साथ अधिवक्ता अक्षय कुमार झा, संजीव रंजन बरियार, हेमंत कुमार, मिथिलेश कुमार, रमेश प्रसाद, मनोज पांडे, अनिल वर्मा के साथ कई सारे अधिवक्ता अपने को न्यायिक काम से अलग रखा. उन्होंने राज्य बार काउंसिल के द्वारा आहूत जो पूर्व से सूचना के अनुसार पूरे राज्य के अधिवक्ता अपने काम से अलग हैं. उसमें पूर्णता साथ दिया. इस अवधि में अधिवक्ताओं ने न्यायिक काम नहीं किया. अधिवक्ता अक्षय झा ने बताया कि राज्य बार काउंसिल के द्वारा नियमावली को मानते हुए रविवार को जिला बार संघ के प्रतिनिधि राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन के द्वारा बुलाई गई बैठक में जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य बार काउंसिल के द्वारा मना करने के बावजूद भी आज जमशेदपुर जिला बार संघ के पूर्व महासचिव और राज्य बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी अपने साथ कई अधिवक्ताओं को लेकर रांची मुख्यमंत्री से उनके आवास पर महाधिवक्ता राजीव रंजन के द्वारा बुलाए जाने पर संवाद करने हेतु चले गए. इस कार्यक्रम में अधिवक्ता नरेंद्र प्रसाद, नरेंद्र कुमार, विकास पांडे, गौरव पाठक, सिकंदर कुमार, मिथिलेश पांडे, धर्मेंद्र कुमार के साथ-साथ बहुत सारे अधिवक्ता मौजूद थे. इन सबों ने राज्यपाल काउंसिल के द्वारा दिए गए नोटिस का उल्लंघन किया है.