जमशेदपुर।
कोर्ट फीस संशोधन विधेयक को वापस लेने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर लेकर जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता सोमवार तीसरे दिन भी न्यायिक कार्य से अलग रहें. इसे लेकर अधिवक्ता दिन में आराम करते हुए दोपहर तक कोर्ट पहुंचे. कुछ मोवकील कोर्ट पहुंच गए, लेकिन कोर्ट में अधिवक्ताओं की हड़ताल होने की जानकारी पाकर उन्हें अपना काम अधूरा छोड़ ही वापस लौटना पड़ा. मंगलवार को भी अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी रहेगी.
जिला बार एसोसिएशन के एडहॉक कमेटी के चेयरमैन सह पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबष्ट ने बार काउंसिल का निर्णय का समर्थन कर कहा कि बार काउंसिल एक अच्छे कार्य के लिए यह कदम उठाया है. राज्य सरकार को कोर्ट फी की कमी करने के साथ-साथ एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को त्वरित लागू करनी चाहिए. अन्य राज्य की तरह अधिवक्ताओं के वेलफेयर के लिए खर्च भी मिलनी चाहिये.
हड़ताल के कारण झारखंड राज्य के करीब 30 हजार से भी अधिक अधिवक्ता हड़ताल पर हैं. जिला बार संघ में तदर्थ समिति के अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबेस्ट के साथ अधिवक्ता अक्षय कुमार झा, संजीव रंजन बरियार, हेमंत कुमार, मिथिलेश कुमार, रमेश प्रसाद, मनोज पांडे, अनिल वर्मा के साथ कई सारे अधिवक्ता अपने को न्यायिक काम से अलग रखते हुए राज्य बार काउंसिल के द्वारा आहूत जो पूर्व से सूचना के अनुसार पूरे राज्य के अधिवक्ता अपने काम से अलग हैं. अधिवक्ता अक्षय झा ने बताया कि सभी अधिवक्ताओं का हड़ताल में समर्थन मिल रहा है. अधिवक्ताओं ने न्यायिक काम नहीं किया और राज्य बार काउंसिल के द्वारा नियमावली को मानते हुए मंगलवार को जिला बार संघ के प्रतिनिधि राज्य बार काउंसिल के चेयरमैन के द्वारा बुलाई गई बैठक में जो निर्णय लिया जायेगा उसके अनुसार आगे कार्य करेंगे.