चाईबासा।
पश्चिम सिंहभूम जिले के खुंटपानी प्रखंड अंतर्गत कोटसोना, बैंका, ठाकुरागुटू एवं गुटूहातु इलाकों में औद्योगिक विस्तार को लेकर राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए ग्रामीण को राहत दी है।सरकार के फैसले के मुताबिक अब ग्रामीणों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण नहीं हो सकता है। वही इस फैसले पर ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों का आभार जताया है।
आपको बता दें कि खुंटपानी में ग्रामीणों की इच्छा के विरुद्ध पश्चिम सिंहभूम जिले के खुंटपानी प्रखंड अंतर्गत कोटसोना, बैंका, ठाकुरागुटू एवं गुटूहातु इलाकों में औद्योगिक विस्तार को लेकर भूमि अधिग्रहण करने का कार्य हो रहा था। जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा जियाडा के खिलाफ जनाक्रोश सभा कर विरोध जताया गया था।
विधायक दशऱथ गागराई ने उठाया था विधानसभा में मामला
वहीं इस मामले को स्थानीय विधायक दशरथ गागराई ने विधानसभा में उठाने से सरकार की पहल पर जियाडा ने जबरन भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया को जनहित में तत्काल प्रभाव से निरस्त किया है। उसी के तहत सोमवार को उत्क्रमित हाई स्कूल उलीडीह परिसर में धन्यवाद सह आभार कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम ओते-हासा बचाओ मंच, खुंटपानी के तत्वावधान में किया गया। वहीं आयोजन समिति की ओर से जियाडा के खिलाफ भूमिअधिग्रहण की रोकथाम में भागीदारी निभाने वाले सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों सहित राज्य सरकार के प्रति भी आभार व्यक्त की गई। वहीं उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, पूर्व सांसद चित्रसेन सिंकु, पूर्व सांसद दुर्गा प्रसाद जामुदा, समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
मौके पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के मंत्री जोबा माझी ने कहा कि यदि योजना जनहित में नहीं है और हम उसे एकजूटता से विरोध करते हैं तो राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार जरुर निरस्त करेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की भूमि अधिग्रहण के खिलाफ यहां की ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी जमकर विरोध किया है। जिसके फलस्वरुप सरकार जनता की हित में योजना निरस्त किया। भविष्य में भी हम इस तरह के जनविरोधी योजनाओं पर एकजूटता से खड़े होंगे। जरुर ही हमें लाभ मिलेगा। वहीं विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि शीतकालीन सत्र में यहां की समस्याओं को मैंने उठाया था। जहां बताया था कि जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक के द्वारा क्षेत्र में बिना ग्रामसभा और सहमति के बिना ही औद्योगिक विस्तार को लेकर भूमि अधिग्रहण करने का कार्य कर रहा है। उसका ग्रामीण द्वारा जोर शोर से विरोध किए जा रहे हैं। वहीं योजना जनहित में भी नहीं है।