जमशेदपुर।
नए साल में सिख व पंजाबी समाज का पहला पर्व लोहड़ी शुक्रवार को शहर में धूमधाम के साथ मनाया गया. यह पर्व उनके लिए खास महत्व रखता है, जिनके घर बेटा पैदा हुआ है या फिर जिनके घर नई दुल्हन आई हो. इन घरों में लोहड़ी का खास इंतजाम रहता है. वैसे बदलते परिवेश में लड़कियों के जन्म होने पर भी लोहड़ी मनाने की परंपरा चल पड़ी है. बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित होते हैं. मकर संक्राति से एक दिन पहले लोहड़ी मनाने की परंपरा है.
शुक्रवार की शाम छह बजे के बाद घर के आंगन या फिर घर का सामने समाज के लोग लकड़ी, गोइठा (पुगा) जलाते हैं. फिर उसमे महिला व पुरुष समेत घर के सभी सदस्य गुड़, रेवड़ी, गजक, मूंगफली को मिलाकर पांच या सात बार अग्नि में डालकर फेरे लगाते हैं. महिलाएं कहती है दे माई लोहड़ी…जीवे तेरी जोड़ी… गिद्दा व भांगड़ा भी किया गया.
सिदगोड़ा स्थित नानक पेड़ सेवा दल की ओर से मनाई गई लोहड़ी
सिदगोड़ा स्थित नानक पेड़ की छत्रछाया में इस मौके पर पुग्गा जलाकर उसमें मकई, भूजा, बादाम, रेवाड़ी, तिलकुट एवं चूड़ा डाला गया. सभी महिला एवं पुरुष सदस्यों ने लोहड़ी के गीत गाए एवं गिद्दा एवं भांगड़ा किया गया. अंत में सभी सदस्यों ने लोगों को मूड़ी लड्डू, तिलकुट, गुड़, चीना बादाम प्रसाद के तौर पर बांटा गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में कुलबीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, देवनाथ प्रसाद, विनय सिंह, पुरुषोत्तम मिश्रा, रोशन लाल मारवाह, पुष्पेंद्र सिंह, अमरिक सिंह, बलविंदर कौर, जसवीर कौर, गीता कौर, रानी कौर, मधुमिता मिश्रा का पूरा सहयोग रहा.
इन मोहल्लों में रही धूम
पंजाबी बहूल्य मोहल्लों में शुक्रवार को लोहड़ी की धूम रही. टिनप्लेट 10 नंबर बस्ती, मानगो गुरुद्वारा बस्ती, साकची गुरु नानक बस्ती, एग्रिको, बिरसानगर, बारीडीह, बिष्टुपुर, गोलपहाड़ी, कीताडीह के इलाकों में शाम के बाद लोगों ने खासा रौनक लगाई.