मुम्बई,: रिलायंस फाउंडेशन यूथ स्पोर्ट्स (आरएफवाईएस) का फुटबॉल सीजन 2022-23, जो सितंबर 2022 में शुरू हुआ था, इस महीने की शुरुआत में गोवा के यूटोरडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में संपन्न हो गया। विभिन्न क्षेत्रों में पांच महीने से अधिक समय तक चले इस टूर्नामेंट में लड़कों और लड़कियों की श्रेणियों में लगभग 2,400+ टीमों के 26,000 से अधिक युवा फुटबॉलरों की भागीदारी दर्ज की गई। इस सीजन की शुरुआत देश भर में नए प्रारूप – लीग एवं प्लेऑफ राउंड – के साथ हुई, जिसमें झारखंड, पश्चिम बंगाल, गोवा, मिज़ोरम, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक और असम जैसे राज्य शामिल थे। आरएफवाईएस ने 35 लाख रुपये के अनुदान की भी घोषणा की, जो कि इस वर्ष लगभग 200 टीमों में से विजेताओं और उप-विजेताओं दिए जाएंगे।
अपने पिछले संस्करणों की तरह आरएफवाईएस फुटबॉल 2022-23 सीजन में ढेर सारी प्रतिभाओं ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिनकी तरफ देश की प्रमुख फुटबॉल लीग, हीरो इंडियन सुपर लीग के क्लब स्काउट्स का ध्यान भी गया।
गोवा चरण जीतने वाले रॉजेरी हायर सेकेंडरी स्कूल, नावेलिम, के फिजिकल एजुकेशन टीचर अनोज नाइक ने आरएफवाईएस से मिले प्रोत्साहन और स्वदेशी भारतीय फुटबॉल प्रतिभा को उभारने के अवसर के बारे में बात करते हुए कहा, “हर साल हम आरएफवाईएस टूर्नामेंट का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि यह हमारे छात्रों को बढ़-चढ़कर प्रदर्शन करने का अवसर देता है। आरएफवाईएस पूरे गोवा के स्कूलों के लिए एक बेहतरीन मंच रहा है। ऐसा कम ही होता है कि लड़कियों के लिए ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं जहां वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें। स्काउट्स की पारखी नजरों के बीच पेशेवर रूप से आयोजित प्रतियोगिता के साथ गोवा के हमारे खिलाड़ियों के पास एक पेशेवर फुटबॉलर के रूप में अपना करियर बनाने का एक शानदार अवसर है।”
चारुचंद्र कॉलेज कोलकाता के खेल प्रभारी समीर बेरा पिछले वर्ष की प्रतिभाओं का उदाहरण देते हैं, “चारुचंद्र कॉलेज 2016 से आरएफवाईएस में भाग ले रहा है और उसके दो खिलाड़ी अंकित मुखर्जी और हीरा मोंडल अब आईएसएल में खेल रहे हैं, और कई खिलाड़ी आई-लीग में खेल रहे हैं। हमें खुशी है कि यह टूर्नामेंट नियमित रूप से कॉलेज के छात्रों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के मौके प्रदान करता है, जिनके पास देश में प्रतिस्पर्धा के सीमित अवसर हैं। लीग प्रतियोगिताओं के परिचय के साथ हमें उम्मीद है कि इसमें उच्च स्तरीय मैच देखने को मिलेंगे, जिससे आने वाले वर्षों में खिलाड़ियों के लिए अगले स्तर तक बढ़ने का रास्ता तैयार होगा।”
फुटबॉल में इको-सिस्टम विकसित करने के मिशन के साथ, आरएफवाईएस ने एसोसिएशन ऑफ इंडियन फुटबॉल कोच (एआईएफसी) के साथ साझेदारी करके कोचों और फिजिकल एजुकेशन शिक्षकों के लिए हुनर के विकास को लेकर कार्यक्रम शुरू किया है ताकि उन्हें पेशेवर प्रशिक्षण के जरिये बढ़िया एक्सपोजर दिया जा सके। आरएफवाईएस प्रशिक्षकों के लिए लाइसेंस कोर्स को प्रायोजित करके हुनर का विकास करने में भी सक्षम कर रहा है जो इको-सिस्टम का हिस्सा हैं। हुनर का विकास कार्यक्रम को अब उन महिला अधिकारियों की तरफ भी बढ़ाया जाएगा, जो 2022-23 सीजन के दौरान देश भर में रेफरी और एमसी के रूप में तकनीकी टीम का हिस्सा थीं।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन फुटबॉल कोच (एआईएफसी) के संस्थापक निदेशक दिनेश नायर ने कहा, “पूरे देश में आयोजित हुई आरएफवाईएस फुटबॉल चैम्पियनशिप प्रतिस्पर्धात्मक खेल समय सुनिश्चित करने के लिए एक शानदार पहल है, जो न केवल खिलाड़ियों के विकास में बल्कि कोचों और सपोर्ट स्टाफ की भी मदद करती है। बतौर एआईएफसी हमारी दृष्टि जमीनी स्तर के प्रशिक्षकों को लगातार शिक्षित और उन्नत करना है जिससे खिलाड़ियों और खेल की गुणवत्ता में सुधार आएगा। व्यावसायिक विकास कार्यशालाओं और क्लीनिकों का निरंतर आयोजन एक बार की पहल नहीं है और हम आरएफवाईएस के साथ भारत में प्रशिक्षकों, फिजिकल एजुकेशन शिक्षकों और सपोर्ट स्टाफ के विकास पर लगातार काम करने के लिए तत्पर हैं।”
20 चैम्पियनशिप केंद्रों में 80 से अधिक दिनों तक 300 से अधिक मैचों को लाइव-स्ट्रीम किया गया, जिससे फुटबॉल प्रशंसकों के लिए इसे ट्यून करना और देखना अधिक सुलभ हो गया। लिहाजा इसे यू-ट्यूब पर 20,000 से ज्यादा घंटे तक देखा गया। यू-ट्यूब पर 24 लाख से ज्यादा सामग्री पहुंचती है।
अपनी स्थापना के बाद से, आरएफवाईएस ने 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10,000 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों के 90 लाख बच्चों को प्रभावित किया है और एआईएफएफ के सहयोग से आरएफवाईएस द्वारा प्रायोजित डी लाइसेंस कोचिंग सर्टिफिकेशन के साथ 750 से अधिक कोचों को बेहतर करके फुटबॉल कोचिंग इकोसिस्टम का समर्थन किया है। महामारी के दौरान, आरएफवाईएस ने एथलीटों की फिटनेस, पोषण, तंदुरुस्ती पर वर्चुअल (आभासी) सत्र आयोजित किए, जिसमें 11,000 से अधिक कोचों/एथलीटों ने भाग लिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन फुटबॉल कोच (एआईएफसी) के साथ डिजिटल कोच एजुकेशन वर्कशॉप्स की मेजबानी की, जिसमें 400 से अधिक कोचों को प्रमाण-प्रत्र प्रदान किए गए।