जमशेदपुर,: भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी टाटा पावर जमशेदपुर में प्रौद्योगिकी-चालित शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। जोजोबेरा के छात्रों के लिए टाटा पावर ने डिजिटल साक्षरता वैन और कम्प्यूटर साक्षरता सेंटर शुरू किया है। डिजिटल साक्षरता की कमी और लैंगिक असमानताओं को दूर करने और जमशेदपुर की युवा पीढ़ी में ई-शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए टाटा पावर द्वारा किए जा रहे प्रयासों का यह एक हिस्सा है।
डिजिटल साक्षरता वैन को टाटा पावर के “ई-एजुकेशन ऑन व्हील्स” परियोजना के तहत शुरू किया गया है। जोजोबेरा के छह सरकारी विद्यालयों को इसमें शामिल किया गया है। छात्रों को इंटरनेट सुविधा और पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके समझ पाने के लिए डिजिटल मॉड्यूल्स उपलब्ध कराकर सहायता प्रदान की जाती है। डिजिटल साक्षरता वैन में 10 लैपटॉप्स, एक प्रोजेक्टर और स्क्रीन, एक इंटरनेट कनेक्शन और कोर्स मॉड्यूल्स होते हैं। प्रशिक्षित शिक्षक भी इन वैन्स में मौजूद होंगे।
इसके अलावा, टाटा पावर ने जोजोबेरा में छोटा गोविंदपुर में एक ‘कम्प्यूटर साक्षरता सेंटर’ भी शुरू किया है। लड़कियां और महिलाएं इस सेंटर में कम्प्यूटर सीख सकती हैं, डिजिटल ज्ञान प्राप्त करके अपने कौशल विकसित कर सकती हैं। लैंगिक असमानताओं को दूर करने और महिलाओं को उद्योग में आवश्यक आईटी कौशल से सक्षम बनाने के प्रयास ‘कम्प्यूटर साक्षरता सेंटर’ में किए जाएंगे। लड़कियों और महिलाओं को प्रोफेशनल आईटी शिक्षा प्रदान करना और बढ़ावा देना इस पहल का उद्देश्य है। ईस्टर्न रीजन जनरेशन के चीफ श्री विजयंत रंजन और टाटा पावर के सीईओ श्री. जगमीत सिंग सिधु की उपस्थिति में नए कम्प्यूटर सेंटर की आधारशिला रखी गयी थी।
डिजिटल सशक्तिकरण पर टिप्पणी करते हुए टाटा पावर के ईआर जनरेशन के चीफ श्री विजयंत रंजन ने कहा, “हमारी इन दोनों परियोजनाओं में हम युवा पीढ़ी को टेक्नॉलॉजिकल डिवाइसेस का इस्तेमाल बहुत ही आसानी से कर पाने की सुविधा दे रहे हैं इस बात की हमें बहुत ख़ुशी हो रही है। हमने उठाया हुआ यह कदम हमारे टेक्नोलॉजी-फॉरवर्ड दृष्टिकोण को दर्शाता है। डिजिटल असमानताओं और कमियों को दूर करने में यह काफी लाभकारी साबित होगा। प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलावों को समझने और उनके अनुकूल बनने में आम लोगों की मदद के लिए हम लगातार प्रयासशील रहते हैं, जमशेदपुर की युवा पीढ़ी के लिए हमने श्रेणी में सर्वोत्तम प्रौद्योगिकीय समाधान सफलतापूर्वक प्रस्तुत किए हैं। डिजिटल शिक्षा वैन और कम्प्यूटर सेंटर हमें इस बात की याद दिलाते हैं कि प्रौद्योगिकी के कारण खड़ी हो रही चुनौतियां कभी भी किसी छात्र की आकांक्षाओं और सपनों के आड़े नहीं आनी चाहिए।”
अपने उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने के लिए वैश्विक स्तर की प्रौद्योगिकियों को स्वीकार और लागू करने में टाटा पावर विश्वास रखता है। भारत में सन 1915 में जलविद्युत की क्षमता को इस्तेमाल करने वाली पहली ऊर्जा कंपनी से लेकर बिल के भुगतान के लिए आधुनिक क्यूआर कोड सेवा शुरू करने वाली भारत की पहली एकीकृत ऊर्जा कंपनी बनने तक के अपने सफर में टाटा पावर अपने उपभोक्ताओं को ख़ुशी और संतुष्टि प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने में हमेशा अग्रणी रहा है।