जमशेदपुर। देश दुनिया में सिख पंथ कौम की विलक्षण पहचान है। जहां भी प्राकृतिक अथवा मानव जनित कोविड जैसी आपदा आती है वहां मानवता के हितों की रक्षा के लिए सिख नजर आते हैं और यह भारत देश के लिए गौरव का विषय है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देश के विभिन्न इलाकों का जिक्र करते हुए कहा कि जमशेदपुर शहर में सिखों का कोई बड़ा मेडिकल संस्थान नहीं है और इसे बनाने की जरूरत है।
उनके अनुसार राजनीतिक जीवन के शुरुआती क्षण से ही शहर के लोगों के कल्याणार्थ कार्य करने का जज्बा था और जब ईश्वर की कृपा और जनता के आशीर्वाद से विधायक मंत्री मुख्यमंत्री अथवा पार्टी का जिम्मेदार पद मिला तो काम करने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
उन्होंने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के नवनिर्वाचित प्रधान सरदार भगवान सिंह को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें जीवन में एक अच्छा अवसर मिला है और उन्हें चूकना नहीं चाहिए। वे सभी गुरुद्वारा कमेटियों एवं शहर के संभ्रांत बुद्धिजीवी सिख परिवार को एक साथ लेकर चले और अस्पताल बनाने का काम करें। दो-चार बेड से शुरुआत करें, मगर करें जरूर। और इसमें उनका हरसंभव सहयोग रहेगा।वैसे भी गुरुद्वारा कमेटियां शहर में गरीब बच्चों के शिक्षा के लिए बहुत ही अच्छा काम कर रही है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ध्यान देने की जरूरत है।
इससे पहले सरदार भगवान सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास से मिला और उन्हें गुलदस्ता भेंट और शॉल ओढ़ाकर स्वास्थ्य की जानकारी ली और शीघ्र तंदरुस्त होने की कामना की। उन्होंने मानगो, साकची, टेल्को तथा अन्य गुरुद्वारा कमेटियों द्वारा विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। वहीं उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को आश्वस्त किया कि वे सभी से मिलकर एक बड़े शैक्षणिक संस्थान के निर्माण की संभावना को तलाशेंगे और उसे मूर्त रूप देने की जी भर कोशिश करेंगे।
इस मौके पर झारखंड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, साकची के प्रधान निशान सिंह, झारखंड विकास मंच के प्रधान गुरदीप सिंह पप्पू, झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला, प्रधान अमरजीत सिंह, प्रधान कुलविंदर सिंह, पूर्व प्रधान सतिंदर सिंह रोमी, पूर्व प्रधान सुरजीत सिंह सित्ते, महासचिव परमजीत सिंह काले, जसवीर सिंह सोनी, सुरिंदर सिंह छिंदा, सुखदेव सिंह, जसवंत सिंह जस्सू, सुखवंत सिंह आदि उपस्थित थे।