जमशेदपुर।
सीजीपीसी चुनाव को असंवैधानिक बताते हुए रिफ्यूजी कॉलोनी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान और सीजीपीसी के प्रत्याशी हरमिंदर सिहं मिंदी व हरमिंदर सिहं मंटू अपनी टीम के साथ मंगलवार को फिर डीसी ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने बीते 11 जनवरी 2023 को हुए चुनाव को गैर संवैधानिक बताते हुए काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए चुनाव रद्द कर नये सिरे से चुनाव कराने की मांग फिर से दोहरायी. इससे पूर्व मिंदी ने एसडीएम धालभूम को भी सभी तकनीकी खामियां गिनाते हुए प्रधान पद के चुनाव को रद्द करने और दोबारा चुनाव की मांग कुछ दिनों पूर्व की थी.
मिंदी का संबंधित अधिकारियों को दिए लिखित शिकायत में बार-बार एक ही आरोप है कि भगवान सिंह को प्रधान बनाने के लिए पांच सदस्यीय चुनाव संचालन समिति ने सीजीपीसी के संविधान की धज्जियां उड़ा कर रख दी. उन्होंने कहा कि भगवान सिंह को जीत नहीं मिली है बल्कि सिख समाज को एक थोपा हुआ प्रधान मिला है.
सिंह ने कहा कि अगर 15 दिनों का समय देकर विधिसम्मत चुनाव जिला प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम करवाती तो भगवान सिहं का असली वोट बैंक सबके सामने होता, लेकिन शाम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाकर प्रधान थोप दिया गया.
डॉक्टर सिद्धू को मिले राजकीय सम्मान
इसके अलावा मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को भी एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें शहर के चर्चित वयोवृद्ध समाजसेवी चिकित्सक डॉक्टर कृपाल सिंह सिद्धु को विशेष सम्मान देने मांग राज्य सरकार से की गई है. मांग पत्र में कहा गया है कि तत्कालीन कोल्हान आयुक्त विजय सिंह के अनुमोदन के बावजूद डॉक्टर सिद्धू को सम्मान का मामला ठंडे बस्ते में क्यों चला गया. उन्होंने कहा कि जिस डाॅक्टर ने हजारों गरीबों की जान बचाई और अपनी पूरी जिंदगी जरूरतमंद मरीजों की सेवा में लगा दी. उसके साथ न्याय नहीं हुआ. इससे सिख समाज ही नहीं बल्कि चिकित्सक समाज का भी अपमान हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर साहब के आशीर्वाद से ही कुछ लोग विधायक और मंत्री बने, लेकिन वे ही उनकी सुध नहीं ले रहें हैं. बताते चलें कि डॉक्टर सिद्धू का नाम पद्म पुरस्कार के लिए भी दिल्ली तक भेजा गया था, लेकिन इस ओर सिख समाज या किसी भी मंत्री-विधायक ने ध्यान नहीं दिया. इस मांग को लेकर मिंदी 10 दिनों पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं.
ये थे शामिल
मौके पर प्रतिनिधिमंडल में हरविंदर सिंह मंटू, तरसेम सिंह सेमे, अवतार सिंह भाटिया, गुरदीप सिंह काका, तरविंदर सिंह मरवाह, दविंदर सिंह, मनजीत सिंह गिल, सतबीर सिंह गोल्डू, जितेंद्र सिंह शालू, अजीत सिंह गंभीर, कुलवंत सिंह, बलबीर सिंह, दलबीर सिंह, हरभजन सिंह, दलजीत सिंह आदि शामिल थे.