जमशेदपुर।
पूर्वी सिहभूम जिला के पटमदा प्रखंड के लावा पंचायत अंतर्गत लावा गांव के किसान कांचन दास की पहचान प्रगतिशील कृषक के रूप में होती है । कांचन दास का खेती से जुड़ाव बचपन से ही रहा है। कृषक परिवार से होने के नाते पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ वो खेती-बाड़ी के कार्य में लगे रहे। कांचन कहते हैं कि परम्परागत तरीके से हटकर उन्नत तकनीक से खेती किसानी के बारे में सोचा जरूर था लेकिन पूंजी का अभाव होने के कारण कृषि कार्य में ज्यादा जोखिम नहीं ले पा रहे थे। कृषि विभाग के संपर्क में आने के बाद कांचन दास वर्ष 2013 से अपने गांव के कृषक मित्र के रूप में काम करने लगे। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग, आत्मा से प्रशिक्षण, परिभ्रमण आदि में भाग लिये जिसमें उन्नत तकनीकी से खेती करने का जानकारी मिली। इससे प्रोत्साहित होकर कांचन को वृहत स्तर पर व्यवसायिक खेती करने का मन हुआ जिसमें वो काफी सफल भी हुए हैं।
कृषि विभाग के सहयोग से कांचन दास को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पटमदा शाखा से 2017-18 में 50,000/- रूपये लोन मिला। इसके बाद लगातार उन्होने बैंक से संपर्क बनाये रखा। समय पर ऋण का चुकता करने लगे और फिर लोन प्राप्त कर खेती बाड़ी में निवेश करते रहे। इसको देखते हुए बैंक द्वारा उन्हें लगातार के0सी0सी0 लोन का लाभ दिया जा रहा है। पूरे 2 एकड़ जमीन में अब कांचन दास साग-सब्जी की खेती कर रहें हैं। परिवारिक परिस्थिति पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हुई है । पिछले 3 सालों से लगातार औसतन 1 लाख से अधिक का मुनाफा कांचन को सिर्फ सब्जी की खेती से हो रहा है ।
कांचन ने खेत में अभी टमाटर, बैगन, मटर, सरसों आदि लगाये हैं जिसकी पैदावार भी काफी अच्छी हुई है। कुसुम योजना के तहत अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त होने से सिंचाई में अभी दिक्कत भी नहीं है। काचंन बताते है अगर आगे भी उन्हें के.सी.सी लोन का लाभ मिलता रहे और ऋण का दायरा बढ़ेगा तो कृषि के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्यपालन भी करना चाहते हैं। उन्होने किसान भाईयों से भी अपील करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ उठाते हुए खेती किसानी के उन्नत तरीकों को अपनायें । ट्रेनिंग के साथ साथ विभागीय पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के क्रम में भी उचित मार्गदर्शन दिया जाता है।