जमशेदपुर।
कदमा की महिला के साथ हथियार के बल पर दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में फरार चल रहे सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह को एक बड़ा झटका लगा है. झारखंड हाईकोर्ट ने उनकी क्रिमनल रिवीजन पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मुखे को राहत देने से इनकार कर दिया है. इस दौरान मुखे की ओर से वरीय अधिवक्ता आरएस मजूमदार और रोहन मजूमदार ने अदालत में पक्ष रखा था. यह मामला झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला की हत्या की नियत से फायरिंग करने का है, जो सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में उस वक्त घटित हुई थी जब बिल्ला पत्नी संग गुरुद्वारा के दर्शन कर लौट रहे थे. मामले में पुलिस ने मुखे, अमरजीत सिंह अम्बे समेत अन्य को जेल भेजा था. मुखे व अन्य जेल भी गए थे. बाद में मुखे ने जमशेदपुर की एक अदालत से मामला दूसरी अदालत में रेफर कराने को लेकर भी उच्च न्यायलय की शरण ली थी. फिलहाल, बिल्ला की गवाहियों पर रोक लगाने के लिए मुखे हाईकोर्ट गए थे, जहां मंगलवार को उसे झटका लगा है. न्यायलय के इस फैसले पर भुक्तभोगी गुरचरण सिंह बिल्ला ने कहा की उन्हें इंसाफ मिलने की पूरी उम्मीद है. वहीं, जमशेदपुर राजनीति के सिख गालियारों में भी मुखे के विरोधी खुशी मना रहे हैं. फायरिंग की घटना 2019 की है.