चाईबासा।
चक्रधरपुर रेल मंडल के डेरोवां रेलवे स्टेशन में शनिवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रेल चक्का जाम किया। सरना धर्म कोड लागू करने समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर कार्यकर्ताओं ने हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग को एक घंटे तक जाम रखा। दोपहर 12 बजे से एक बजे तक आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर जमे रहे। बाद में स्थानीय पुलिस व रेल सुरक्षा बल के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से वार्ता कर रेलवे ट्रैक से जाम हटाया। आंदोलन का नेतृत्व प्रेमशीला मुर्मू कर रहीं थीं। रेल ट्रैक जाम करने के लिए शनिवार सुबह से ही गोइलकेरा के दर्जनों गांवों से लोग जुटने लगे थे। मनोहरपुर व सोनुआ से भी आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता डेरोवां पहुंचे। पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कैरम स्कूल मैदान से जुलूस निकाला और नारेबाजी करते हुए डेरोवां स्टेशन आ पहुंचे। यहां 11.50 बजे रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा लगाकर आंदोलनकारियों ने हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही गोइलकेरा थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह और मनोहरपुर आरपीएफ थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार फोर्स के साथ डेरोवां पहुंचे। वार्ता के बाद प्रेमशीला मुर्मू ने राष्ट्रपति के नाम लिखित एक मांग पत्र थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह को सौंपा।
आदिवासी सेंगेल अभियान कोल्हान प्रमंडल की अध्यक्ष प्रेमशीला मुर्मू ने रेलवे ट्रैक को जाम करते हुए मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के प्रकृति पूजक आदिवासी अलग सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलित हैं। प्रेमशीला मुर्मू ने आरोप लगाया की पारसनाथ पहाड़ी पर मरांगबुरू को जैनियों ने अपने कब्जे में कर रखा है। सरकार आदिवासियों के देवता मरांगबुरु को अविलंब जैनियों से मुक्त कराए।