रांची,: झारखंड में टाटा स्टील की नोआमुंडी आयरन ओर माइन ने भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम), रांची क्षेत्र के तत्वावधान में शनिवार को आयोजित 29वें खान पर्यावरण और खनिज संरक्षण (एमईएमसी) सप्ताह, 2021-22 में छह पुरस्कार जीते हैं।
नोआमुंडी आयरन ओर माइन को ए-1 ग्रुप ऑफ माइंस के तहत ओवरऑल सेगमेंट, अफॉरेस्टेशन और मिनरल बेनिफिसिएशन में विजेता घोषित किया गया। इसी प्रकार, माइन को ए-1ग्रुप ऑफ माइंस के तहत अपशिष्ट डंप प्रबंधन और व्यवस्थित और वैज्ञानिक विकास में उपविजेता घोषित किया गया।
इसके अलावा, स्टॉल प्रदर्शनी में नोआमुंडी आयरन माइन को द्वितीय पुरस्कार मिला।
टाटा स्टील के अधिकारियों ने पंकज कुलश्रेष्ठ, चीफ कंट्रोलर ऑफ माइन्स (आई/सी), आईबीएम से पुरस्कार प्राप्त किया, जिन्होंने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस अवसर पर खनिज संरक्षण, पर्यावरण निगरानी, सतत विकास और प्रचार एवं प्रसार सहित विभिन्न श्रेणियों में कुल 79 पुरस्कार दिए गए।
सभा को संबोधित करते हुए कुलश्रेष्ठ ने कहा, “हालांकि अन्य क्षेत्रों की तुलना में रांची क्षेत्र अयस्क के प्रचुर भंडार में समृद्ध है, लेकिन यहां आयरन और स्टील की कम निर्माण इकाइयां हैं। अधिक खानों की खोज पर ध्यान देने के साथ-साथ हमारे देश के विकास में योगदान देने के लिए, ऐसी और इकाइयों की स्थापना के बारे में सोचने का समय आ गया है।
इस अवसर पर अन्य लोगों में डॉ वाईजी काले, खान नियंत्रक, पूर्वी क्षेत्र, आईबीएम, अतुल कुमार भटनागर, महाप्रबंधक (ओएमक्यू), टाटा स्टील, जॉयदीप दासगुप्ता, कार्यकारी निदेशक, सेल, शिरीष शेखर, चीफ, नोआमुंडी आयरन माइन, टाटा स्टील, प्रतीक गुप्ता, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, हिंडाल्को लिमिटेड, संजीत कुमार आद्या, हेड, ऑपरेशंस, नोआमुंडी आयरन माइन और राज्य भर की विभिन्न खदानों के अधिकारी और प्रतिनिधि शामिल थे।
टाटा स्टील दुनिया भर में फैले अपने संचालन के माध्यम से सस्टेनेबल माइनिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणित, कंपनी उन्नत तकनीकों के माध्यम से कच्चे माल की दक्षता और संरक्षण सुनिश्चित करती है।