जमशेदपुर।
ऑनलाइन जर्नलिज्म जैसे उभरते क्षेत्र पर वीमेंस यूनिवर्सिटी में बुधवार को वर्कशॉप का आयोजन किया गया। माननीय कुलपति प्रो.(डॉ.) अंजिला गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि ऑनलाइन जर्नलिज्म तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। इसकी रेंज अधिक है। इसकी विश्वसनीयता और सामाजिक प्रभाव का ऑडिट भी शुरू हो चुका है। हमारी छात्राएं पत्रकारिता के बुनियादी मूल्यों को समझते हुए इसमें बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकती हैं। यूनिवर्सिटी के जर्नलिज्म एंड मास कॉम विभाग की तरफ से आयोजित इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अंतरा बोस उपस्थित थीं। वे जर्नलिज्म के क्षेत्र में तथ्यों को सत्यापित करनेवाली संस्था ‘फैक्टशाला’ की अध्यक्ष हैं। उन्होंने वर्कशॉप की शुरुआत में इंफॉर्मेशन व उसके अर्थ के बारे में बताते हुए कहा कि हम सभी ऐसे समाज में हैं जहां सूचनाओं का विभिन्न माध्यमों के द्वारा आदान-प्रदान किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हम सूचनाओं का विनिमय और ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करते हैं। साथ ही इसके स्रोतों, प्रकारों, प्रभावों, विशेषताओं व झूठे समाचारों से बचने के कई तरीकों पर भी उन्होंने चर्चा की। मिसइंफॉर्मेशन, डिसइंफॉर्मेशन व मालइंफॉर्मेशन जैसे कई तथ्यों से छात्राओं को अवगत कराया व कैसे लोग किसी समाचार के प्रति पक्षपाती हो जाते हैं और उससे कैसे बचा जाए इसके बारे में जानकारी दी। प्रश्नोत्तर सत्र में छात्राओं ने ऑनलाइन जर्नलिज्म से जुड़े अपनी उलझनों को पूछा तथा इसमें करियर से जुड़े कई सवाल किए। इससे पूर्व वोकेशनल कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. अन्नपूर्णा झा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विषय प्रवेश हेतु छात्राओं को सम्बोधित किया। विभाग की शिक्षिका शालिनी प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया और छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यशाला में विभागीय छात्राओं के अलावा शिक्षा विभाग के शिक्षक और छात्राएं भी मौजूद रहे।