Ashok Kumar
जमशेदपुर : शहर में दिनों दिन ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है. बढ़ती समस्या को देखते हुये ही शहर में पांच ट्रैफिक थाना की सुविधा दी गयी है. इन ट्रैफिक थाना से चेकिंग अभियान के दौरान सरकार को मासिक 6 से 7 लाख रुपये का राजस्व भी दिया जाता है. बावजूद इन ट्रैफिक थाने की हालत बद से बदतर है. सभी थाना में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, लेकिन पदस्थापित ट्रैफिक पुलिस अपनी ड्यूटी बखूबी कर रहे हैं और किसी तरह की शिकायत का भी मौका वरीय अधिकारियों को नहीं दे रहे हैं.
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दो दशक पुरानी टीओपी को ही दे दिया गया थाना का रूप
गोलमुरी टैफिक थाना की बात करें तो यहां पर गोलमुरी थाने का टीओपी बनाया गया था, लेकिन आज की तिथि में उसे ही ट्रैफिक थाना का नाम दे दिया गया है. थाना का नाम तो दिया गया है, लेकिन यहां पर थाना जैसी किसी तरह की सुविधायें नहीं है. बस नाम के लिये ही यहां पर थाना चल रहा है. जानकार लोगों का कहना है कि दो दशक पहले यहां पर टीओपी की जरूरत पड़ने पर इसकी सुविधा दी गयी थी.
क्रेन तक की नहीं दी गयी है सुविधा
अगर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कभी बड़ी गाड़ियों को जांच के क्रम में पकड़ा जाता है तब वहां पर क्रेन की जरूरत आन पड़ती है, लेकिन इसकी सुविधा भी गोलमुरी में नहीं दी गयी है. बावजूद ट्रैफिक थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारी और क्रमचारी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. वे उस दिन की बाट जोह रहे हैं जब थाने में सभी तरह की सुविधायें मिल जाये.
टाटा स्टील की है शहर
गोलमुरी की बात करें तो यह टाटा स्टील की शहर है. बावजूद टाटा स्टील की ओर से भी ट्रैफिक थाने को किसी तरह की सुविधाएं नहीं दी गयी है. वर्तमान थाना प्रभारी की ओर से टाटा स्टील की ओर से एक क्रेन की मांग की गयी थी, लेकिन अभी तक नहीं मिली है. वहीं दूसरी ओर सरकार भी इस दिशा में अभी तक अपना मुंह फेरे हुये है.
नो पार्किंग में वाहन खड़ी करने पर क्या हो सकती है परेशानी
आम तौर पर भारी वाहन चालक अपने वाहन को सड़क किनारे ही खड़ी कर देते हैं. ऐसे में उन्हें अब परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. अगर उसपर ट्रैफिक पुलिस की ओर से स्टीकर लगा दिया गया है, तब उन्हें जुर्माना देना अनिवार्य होगा. जुर्माने की अनदेखी करने पर वाहन का रेनुवल कराते समय उन्हें परेशानी हो सकती है. अब सबकुछ ऑनलाइन किया जा रहा है.
जुर्माना नहीं देने पर टीडीओ के पास भेजी जाती है सूची
अगर किसी वाहन चालक की ओर से स्टीकर लगाने के बाद भी जुर्माना नहीं दिया जाता है तो इसकी सूची ट्रैफिक पुलिस की ओर से डीटीओ को भेजी जाती है. इसके बाद रेनुवल की प्रक्रिया को ही ब्लॉक कर दिया जाता है. अगर रेनुवल करना है तो इसके लिये लेट फाइन देना ही होगा. इन सभी तरह की प्रक्रियाओं से बचना है तो जुर्माना देना होगा.
प्रति माह वाहन चेकिंग के क्रम में सिर्फ गोलमुरी ट्रैफिक थाना क्षेत्र से 6 से 7 लाख रुपये का राजस्व सरकार को दिया जाता है. अब सड़क किनारे नो पार्किंग में खड़े भारी वाहनों से भी जुर्माना वसुल किया जा रहा है. दिसंबर माह में एक लाख रुपये का राजस्व सिर्फ नो पार्किंग जोन से ही सरकार को दिया गया है. टाटा स्टील, टाटा पावर और टिमकेन कंपनी से भी क्रेन की मांग की गयी है, लेकिन किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है.
-भूषण कुमार, थाना प्रभारी, गोलमुरी ट्रैफिक.
शहर के सभी ट्रैफिक थाना को हाइटेक करने की योजना बनायी गयी है. इसके लिये प्रपोजल बनाकर भी वरीय अधिकारियों को भेजा गया है. इस क्रम में सभी थाने का अपना भवन और सभी को अलग-अलग क्रेन की सुविधा देने की मांग की गयी है. आने वाले दिनों में सभी सुविधायें मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा भी जो समस्यायें हैं उसका समाधान करने का प्रयास किया जायेगा.
-प्रभात कुमार, एसएसपी, पूर्वी सिंहभूम.
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