जमशेदपुर।
ट्रीन ट्रीन… हैलो… सर ,चेन्नई से बोल रहा हूं,हम लोगों को बचा लीजिए, इस प्रकार के फोन आजकल कई मीडिया हाऊस में आ रहे है। सभी लोगो को फोन के माध्यम से यही कह रहे है कि हमलोगो को बचा लिजिए। इनलोगो का कहना है कि हिंदी बोलने पर इन्हें बेदर्द तरीके से मारा –पीटा जा रहा हैं।
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सोशल मीडिया के माध्यम से बचाव की गुहार
तमिलनाड्डू की हालत बदत्तर होते जा रही है। हर हिंदी बोलने वाले लोगो को रोककर पिटा जा रहा है। यही नही इन दिनों सोशल मिडिया में कई ऐसे विडियो वायरल हो रहे है जो देखने में काफी दर्दनाक है। हर विडियो में देखा जा रहा है कि दो तीन लड़के मिलकर एक लड़का को पीट रहे है। पीट ही नही रहे उन्हें इस प्रकार मार रहे उनका शरीर लहू लुहान हो जा रहा है।वही दुसरी ओर काम करने वाले बिहार –उत्तर प्रदेश के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपने बचाव की गुहार लगा रहे है।
बीते एक सप्ताह से लगातार आ रहे है फोन
शुक्रवार शाम के चार बजे मेरे मोबाईल की घंटी बजी, नबंर सेव नही होने के बावजूद पत्रकार होने के कारण मैने फोन उठाया। हांलांकि फोन करने वाला अपना नाम दिनेश बताया और वह अपने को बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाला कहा। उसने बताया कि भाईया हमलोग चेनई में फंसे है हमे बचा लिजिए। बातचीत में उसने बताया कि काम नही मिलने के कारण यहां पर छोटा – मोटा व्यावासाय शुरु किया। लेकिन बीते 10-15 दिन से यहां की स्थिती काफी खराब हो गई है। क्योकि जो भी हिंदी बोलते नजर आ जा रहे है। उसे पिटा जा रहा है।यही नही घारदार हथियार से हमला कर दिया जा रहा है। उसका दावा है कि इस दौरान कई लोगो की हत्या भी हो गई है। उसने यह भी बताया कि अगर ट्रेन पकड़ने जा रहे है तो ट्रेन से भी उतारकर मारा जा रहा है। पुलिस की ओर से कोई मदद नही की जा रही है। उसने बताया कि उसके कई साथी फंसे है। उसने बताया अभी तो कुछ लोगो की मदद से खाना मिल जा रहा है। लेकिन यही हाल रहे तो खाना-पीना में मुश्रकिल हो जाएगा। उसके साथरह रहे एक मित्र ने बताया कि शनिवार को एक गाड़ी है देखते है उससे निकलने का प्रयास करते है।
वही दिल्ली से एक व्यक्ति ने फोन कर बताया कि उसका भाई चेनई में फंसा हुआ है। उसे निकालने में मदद करे। उसने भी कुछ विडियो भेजा। लेकिन जिस तरह के विडियो था उसे देखा नही जा सकता है।
डीजीपी का दावा अफवाह फैला रहे है लोग
गुरुवार को इस मुद्दे पर तमिलनाडु के डीजीपी ने ट्वीटर पर एक वीडियो संदेश जारी किया था. डीजीपी सी शैलेंद्र बाबू ने दावा किया था कि बिहार में किसी ने सोशल मीडिया पर एक झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है।
उनके मुताबिक़, “तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों के साथ कोई हिंसा नहीं हुई है. ये दोनों ही वीडियो पुराने हैं. एक वीडियो तिरुपुर का है जिसमें बिहारी मज़दूरों के दो गुटों के बीच आपस में लड़ाई हो रही है. जबकि दूसरा वीडियो कोयंबटूर का है और इसमें स्थानीय लोगों के बीच झगड़ा हो रहा है, इसका बिहारी मज़दूरों से कोई संबंध नहीं हैं.”
.नोट( किसी भी वायरल VIDEO का insidejharkhand.in का दावा नहीं करता हैं)