जमशेदपुर : ईचागढ़ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह वर्ष 2024 में चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. इसके साथ ही चर्चा शुरू हो गयी है कि यदि वे चुनावी मैदान में पूरे दम-खम के साथ भाजपा के टिकट के साथ उतरे तो उनका सभी प्रतिद्वंदियों पर भारी पड़ना तय है. चर्चा है कि वे जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं. ईचागढ़ विधानसभा सीट का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके अरविंद सिंह चुनाव के पहले से ही आम जनता के बीच जाकर उनके सुख-दुख में शरीक हो रहे हैं. वे विधानसभा क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं. विधानसभा क्षेत्र के लोग बराबर टोली बनाकर उनके आवास पर आकर मिल भी रहे हैं और वर्तमान विधायक का दुखड़ा भी रो रहे हैं. क्षेत्र के लोगों के अनुरोध पर ही वे चुनावी समर में कूदने की तैयारी कर रहे हैं. इस विधानसभा सीट से आजसू पार्टी के हरेलाल महतो और पूर्व विधायक स्व. साधु महतो की पत्नी सारथी महतो भी जोर आजमाइश की तैयारी कर रही है.
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अरविंद सिंह पूर्व सीएम रघुवर दास के हैं बेहद करीबी
पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह की बात करें तो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से काफी नजदीकियां हैं. रघुवर दास और अरविंद सिंह को कई कार्यक्रमों में एक साथ देखा भी गया है. अरविंद सिंह भाजपा नेता सह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भी बेहद करीबी हैं. जब बाबूलाल ने भाजपा छोड़कर अपनी नयी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा बनायी थी, तब उनके साथ अरविंद सिंह भी शामिल हो गये थे और पार्टी को मजबूत करने का काम किया था. पूर्व विधायक अरविंद सिंह के परिवार के सदस्य ईचागढ़ और जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ सकते हैं. दोनों विधानसभा क्षेत्रों में अरविंद सिंह की सक्रियता बेहद बढ़ गयी है.
साख नहीं बचा पायी हैं सविता महतो
ईचागढ़ की वर्तमान विधायक सविता महतो अपने पति के नाम पर चुनाव तो जीत गयी है, लेकिन वह अपनी साख नहीं बचा पा रही है. जिस सोच के साथ लोगों ने उन्हें खुलकर वोट दिया था अब विधानसभा क्षेत्र की जनता में बिखराव आने लगा है. पार्टी की ओर से उन्हें दोबारा टिकट मिलेगा या नहीं यह भी साफ नहीं है.
हरेलाल विवाद में और सारथी का जनाधार नहीं
आजसू पार्टी के नेता हरेलाल महतो पहले से ही विवाद में हैं. हरेलाल पर नक्सलियों से सांठ-गांठ का भी आरोप पहले लग चुका है. बीच में पुलिस बल पर हमला करने का एक मामला दर्ज होने के बाद हरेलाल फरारी काट रहे थे, लेकिन पुलिस ने कई माह बाद कोलकाता में छापेमारी कर गिरफ्तार कर जेल भेजा था. हालाकि वे भी चुनावी समर में उतरने की अपने स्तर से तैयारी कर रहे हैं. इधर स्व. साधु महतो की पत्नी सारथी महतो की बात करें तो उनका अपना कोई जनाधार नहीं है. राजनीति में भी वह पूरी तरह से सक्रिय नहीं है. ऐसे में अगर पार्टी की ओर से उन्हें टिकट दिया जाता है तो वह नैया कैसे पार लगा सकती है आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.
कोल्हान के पांच विधानसभा सीट पर है अच्छी पकड़
पूर्व विधायक अरविंद सिंह की बात करें तो उनकी कोल्हान के पांच विधानसभा सीट पर अच्छी पकड़ है. पहला ईचागढ़ विधानसभा, दूसरा सरायकेला विधानसभा, तीसरा खरसावां विधानसभा, चौथा जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा और जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा शामिल है. इन सीटों पर उनका समर्थन प्रत्याशियों पर भारी पड़ता है.
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