जमशेदपुर : टेल्को थाना क्षेत्र के खड़ंगाझार के रहनेवाले जेपी मिश्रा ने अपनी बेटी की रिंग सेरोमनी होने के बाद शादी टूट जाने और दामाद को नकद 5 लाख रुपये और फ्लैट देने के मामले में जो मानहानि, धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और धमकी देने का केस किया था उसमें वे हार गये है. मंगलवार को मामले की सुनवाई प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सवदामिनी सिंह ने की. मामले में साक्ष्य के अभाव में बिहार के जिला चंपारण गांव अरेराज के रहनेवाले निशांत कुमार दुबे और सविता देवी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित कुमार सिंह थे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : जीआरपी के एएसआइ ने बचायी मौर्या एक्सप्रेस के यात्री की जान
16 सितंबर 2011 को की गयी थी शिकायतवाद
इस मामले में जेपी मिश्रा ने 16 सितंबर 2011 को कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था. मामले में आरोपी सात लोगों को बनाया गया था. इसमें निशांत कुमार दुबे, निशांत के पिता जतिंद्रनाथ दुबे, सविता देवी, श्रीपती त्रिपाठी, अजीत कुमार मिश्रा, अमित उपाध्याय और जितेंद्रनाथ उपाध्याय शामिल हैं. इसमें जतिंद्रनाथ दुबे की मौत हो चुकी है. शादी टूट जाने के बाद भी नकदी और फ्लैट नहीं लौटाने का आरोप लगाते हुये मानहानि का दावा जेपी मिश्रा की ओर से किया गया था.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : थमने का नाम नहीं ले रहा प्रेम-प्रसंग में रिश्ते का कत्ल, पढ़िये खौफनाक वारदातें