रेल खबर।
वर्ष 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जक अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित करने की तर्ज पर, भारतीय रेल (Indian Railway)ने ओडिशा के विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा कर लिया है। ओडिशा का विद्यमान बड़ी लाइन नेटवर्क 2,822 रूट किलोमीटर है जो अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत है और इसकी वजह से लाइन खींचने की (हाउल) लागत में (लगभग 2.5 गुना कमी) गिरावट आएगी, हाउलेज क्षमता भारी होगी, सेक्शनल क्षमता में बढोतरी होगी, इलेक्ट्रिक लोको के प्रचालन और रखरखाव की लागत कम हो जाएगी, आयातित कच्चे तेल पर कम निर्भरता के साथ परिवहन के ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल साधन का निर्माण होगा और विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, रेलवे की 100 प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति की तर्ज पर विद्युतीकरण के साथ साथ बड़ी लाइन के नए नेटवर्क को भी मंजूरी दी जाएगी।
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ओड़िशा राज्य के कुछ मुख्य रेलवे
ओडिशा राज्य का भूभाग पूर्वी तट, दक्षिणी पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में पडता है। ओडिशा के कुछ मुख्य रेलवे स्टेशन हैं : भुवनेश्वर, कटक, पुरी, संबलपुर, भद्रक, राउरकेला तथा झारसुगुडा। रेल नेटवर्क ओडिशा से देश के दूसरे हिस्सों में खनिज अवयवों, कृषि उत्पादों एवं अन्य वस्तुओं के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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ओड़िसा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक-खुरदा रोड-पुरी के बीच
ओडिशा में पहली रेलवे लाइन 1897 में कटक-खुरदा रोड-पुरी के बीच बनाई गई थी। ओडिशा राज्य की कुछ प्रतिष्ठित रेलगाड़ियां हैं : हावड़ा-पुरी एक्सप्रेस, कोणार्क एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, विशाखा एक्सप्रेस और भुवनेश्वर – नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस। ये रेलगाड़ियां राज्य के विभिन्न हिस्सों और भारत के अन्य प्रमुख शहरों के लिए सुविधाजनक कनेक्टविटी प्रदान करती हैं।