जमशेदपुर : मानगो के पारडीह एनएच 33 में सड़क पर प्रदर्शन करने, राहगीरों के वाहनों का हवा खोलने के मामले में सरकारी कार्य में बाधा डालने का एक मामला पूर्व सांसद सह कांग्रेस पार्टी के त्रिपुरा, सिक्किम और नागालैंड के प्रभारी डॉ अजय के खिलाफ दर्ज कराया गया था. इस मामले की सुनवायी करते हुये सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट चाईबासा के न्यायाधीश ऋषि कुमार ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. इस मामले में फिरोज खान पर भी मामला दर्ज कराया गया था.
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27 अक्टूबर 2013 का है मामला
यह मामला 27 अक्टूबर 2013 को आजादनगर थाने में विशेष पदाधिकारी सुशील कुमार की ओर से दर्ज कराया गया था. इसमें 143, 323, 342 और 353 की धारा के तहत मामला दर्ज कराया गया था.
सड़क मरम्मत की मांग पर हुआ था आंदोलन
तब सड़क मरम्मत करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से सड़क पर धरना-प्रदर्शन किया गया था. इस बीच ही नेशनल हाईवे 33 को पारडीह चौक पर जाम कर दिया गया था. आरोप लगाया गया था कि राहगीरों के वाहनों केटायर भी पंचर कर दिया गया था.
सूचक ने नहीं दी कोर्ट में गवाही
मामला दर्ज कराने के बाद अभियोजन पक्ष से मात्र चार लोगों ने ही गवाही दी थी. मामले में सूचक सूचक सुशील कुमार और अनुसंधानकर्ता चंदर टूडू, थाना प्रभारी विद्या सिंह और लाल बहादुर सिंह ने अपनी गवाही नहीं दी. इसी का लाभ डॉ. अजय को मिला और कोर्ट ने उन्हें साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. मौके पर बचाव पक्ष से अधिवक्ता के रूप में सुधीर कुमार पप्पू के अलावा बापू दरीबा, विमल कुमार, अधिवक्ता राहुल गोस्वामी, कृष्णा देव साहू, प्रणव कुमार दरीबा आदि अधिवक्ता भी मौजूद थे. इधर बरी होने के बाद डॉ अजय ने कहा कि उन्हें भाजपा की से बेवजह फंसाने का काम किया गया था.
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