जमशेदपुर : जिले के कमलपुर थाना क्षेत्र के बड़ाभूम-बांदुवान मुख्य सड़क के पास जामबनी मोड़ पर खड़े 12 वर्षीय करण स्वर्णकार को गुरुवार की दोपहर एक ट्रेलर ने रौंद दिया। घटना में बच्चे की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने पार्षद स्वपन कुमार महतो के नेतृत्व में सड़क जाम कर दी। सड़क जाम कर रहे लोगों ने मुआवजा के रूप में 10 लाख रुपये देने की मांग कर रहे थे। वार्ता के नाम पर मौके पर इंसपेक्टर विमल किंडो के अलावा कमलपुर और पटमदा थानेदार पहुंचे हुए हैं। समाचार लिखे जाने तक सड़क जाम को पुलिस हटा नहीं सकी थी।
क्रिकेट खेलकर दोस्तों के साथ घर लौट रहा था करण
करण स्वर्णकार गुरुवार की सुबह अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट मैच खेलने के लिए गया हुआ था। दिन के एक बजे साथियों के साथ अपने घर षाड़ंगीडीह लौट रहा था। इस दौरान वह बड़़ाभूम-बांदुवान मुख्य सड़क के पास जामबनी मोड़ पर खड़ा था। तभी एक ट्रेलर रफ्तार में आया और शिव पार्वती बस को धक्का मारते हुए मोड़ पर पहुंच गया और बच्चे को रौंद दिया।
उसके चार साथी बाल-बाल बचे
घटना के समय करण के साथ मोड़ पर उसके चार साथी भी खड़े थे, लेकिन वे वहां से भागने में सफल रहे, लेकिन करण कुछ समझ नहीं सका था। घटना के तुरंत बाद ही स्थानीय लोगों ने मिलकर सड़क जाम कर दी।
चार किलोमीटर दूर कटिन में ट्रेलर खड़ा करके फरार हुआ चालक
घटना के बाद ट्रेलर चालक ने बच्चे को रौंदने के बाद फरार होने की नियत से वहां से रफ्तार में ही कटिन चौक पर पहुंच गया और ट्रेलर को खड़ा करके फरार हो गया। बाद में कमलपुर पुलिस ने ट्रेलर को जब्त कर लिया।
शिव पार्वती बस के साथ एक दुकान को भी किया क्षतिग्रस्त
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रेलर ने पहले शिव पार्वती बस को साईड से धक्का मार दिया था। इसके बाद एक दुकान को भी अपना निशाना बनाया। दुकान के पास में ही मोड़ पर करण स्वर्णकार खड़ा था, तभी ट्रेलर ने उसे भी रौंद दिया।
उग्र लोगों से बचने के लिए ट्रेलर चालक ने ली बच्चे की जान
ट्रेलर चालक ने जब शिव पार्वती बस को ठोकर मारी थी, तब वह चाहता तो ट्रेलर को खड़ा कर करके समझौता कर सकता था। उसे लगा था कि अगर वह ट्रेलर को खड़ा करेगा तो उग्र भीड़ उसे नहीं छोड़ेगी। सामने जब बच्चा आ गया, तब उसने उसे भी रौंद दिया। घटना के समय लोगों में इतना आक्रोश था कि वे सड़क पर उतर गए और हंगामा करने लगे।
बुझ गया घर का चिराग
करण के पिता का नाम विजय स्वर्णकार है और वे दांत के स्थानीय स्तर पर छोटे डॉक्टर हैं। विजय की एक बहन भी है जो क्लास 8 में पढ़ती है। घटना के समय मां भी पहुंची थी, जिसका रो-रोकर बुरा हाल था। शव को देखते ही उसने बच्चे को गले से लगा लिया।