जमशेदपुर : सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान पद को लेकर आगामी 30 अप्रैल को मतदान होना है. इसे लेकर सरगर्मी बनी हुई है. इसी बीच पिछले दिनों सोनारी गुरुद्वारा में वोटरलिस्ट दुरुस्त करने के दौरान हुए हो हल्ले के बीच उम्मीदवार सह कार्यकारी प्रधान तारा सिंह गिल ने सेंट्रल गुरुद्वारा प्रंबधक कमेटी को पत्र लिखकर प्रतिनियुक्त तीनों चुनाव पदाधिकारी क्रमशः अमरजीत सिंह भामरा, गुरचरण सिंह बिल्ला व परविंदर सिंह सोहल को बदलने की मांग की है. इस बाबत तारा सिंह की ओर से सतेंद्रपाल सिंह व चरणजीत सिंह सोमवार सुबह सीजीपीसी कार्यालय ज्ञापन देने पहुंचे. प्रधान की गैर हाजिरी में कार्यालय में उपस्थित महासचिव सुरजीत सिंह खुशीपुर ने उक्त पत्र रिसीव किया. उक्त पत्र अंग्रेजी में लिखा गया था. पहले तो सुरजीत सिंह ने पत्र लेने में आनाकानी की, लेकिन बाद में रिसीव कर लिया.
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बिल्ला का मकसद चुनाव में हंगामा कराना : तारा
पत्र में कहा गया है कि सोनारी गुरुद्वारा कमेटी संविधान के मुताबिक निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सक्षम है. संविधान कहता है कि चुनाव में बाधा होने पर गुरुद्वारा कमेटी सीजीपीसी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करती है तो वैसी परिस्थिति में सीजीपीसी को चुनाव पदाधिकारी भेजने हैं. लेकिन यहां एक एक कर पहले अमरजीत सिंह भामरा, फिर दूसरे दिन परविंदर सिंह सोहल और चार दिन बाद गुरचरण सिंह बिल्ला बतौर चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में आ पहुंचे. जिनमें बिल्ला के द्वारा पिछले दिनों टेबुल का शीशा तोड़ा गया. इस दौरान गाली गलौज व गर्मा गर्मी बनी. पत्र में कहा गया है कि बिल्ला जैसे लोगों का मकसद चुनाव में हंगामा कराना है. उन्होंने जबरन वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाये और हटायें. ऐसे में अगर जरूरी है तो चुनाव पर्यवेक्षकों की टीम बदलकर दूसरे पदाधिकारियों को भेजा जाए, ताकि निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सके. तारा सिंह ने कहा कि सीजीपीसी अगर पक्षपात नहीं करती है तो उन्हें उनकी मांग स्वीकार करनी चाहिए. दो दिनों बाद वह फिर इसे लेकर सीजीपीसी को चेज करेंगे.
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