जमशेदपुर : सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान पद का चुनाव रविवार 30 अप्रैल को होगा. चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है. इस बार का चुनाव अपने आप में एक इतिहास होगा, क्योंकि चुनाव मैदान में दो भाईयों के बीच कुर्सी के लिए सीधी टक्कर होगी. इनमें पक्ष की ओर से जहां कार्यवाहक प्रधान तारा सिंह गिल (शेर छाप) मैदान में हैं. वहीं, विपक्ष ने उनकी छोटे भाई बलबीर सिंह गिल (उगता सूरज) को उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में उतारा है. चुनाव के पूर्व उम्मीदवार तारा सिंह शुक्रवार को पत्रकारों से मुखातिब हुए और उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां एवं चुनाव जीतने के बाद भावी योजनाओं को सार्वजनिक किया. सोनारी गुरुद्वारा के लंगर हॉल में तारा सिंह ने बताया कि यह लड़ाई भाईयों की नहीं है. यह साजिश है विपक्ष के गुरदयाल सिंह की. उन्होंने कहा कि सोनारी का इतिहास रहा है गुरदयाल सिंह ने परिवारों को निजी स्वार्थ के लिए लड़ाया है. यहां भी गुरदयाल सिंह की मंशा है कि दोनों भाईयों को किसी तरह लड़ाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर सकें. यह कहते हुए तारा सिंह भावुक हो गये.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : मानगो आशियाना के पास लगी आग
सीजीपीसी पर लगाया पक्षपात का आरोप
तारा सिंह ने आरोप लगाया कि सीजीपीसी चुनाव में हमपर दबाव बनाकर सोनारी पर कब्जा करना चाहती है. इसीलिए पिछले दिनों धार्मिक स्क्रूटनी में अकाली दल ने उनके साथी उम्मीदवारों को साजिश के तहत फेल कर दिया. सीजीपीसी ने जो चुनाव पदाधिकारी भेजें हैं, पिछले दिनों देखा कि गुरचरण सिंह बिल्ला ने गुरुद्वारा कार्यालय में हो हल्ला किया. शीशा तोड़ दिया. वहीं, टिनप्लेट यूनियन के नेता परविंदर सिंह सोहल पर भी टिनप्लेट गुरुद्वारा के चुनाव में पक्षपात करने का आरोप लगाया. तारा सिंह ने कहा कि जहां 20-22 बैलेट पेपर ब्लैंक गये हो वहां चुनाव निष्पक्ष कैसे हो सकता है. साथ ही वोटर लिस्ट दुरुस्त करने में भी जबरन 45 वोट काटने का मुद्दा भी उठाया. कहा कि पक्षपात करते हुए एकतरफा कार्रवाई की गई. संगत के घर जाकर चूल्हा आदि चेक किया गया, जो बिल्कुल गलत था. यह सब संविधान के विरुद्ध किया गया है.
चुनाव जीतकर ट्रस्टियों को बहाल करना प्राथमिकता
तारा सिंह ने कहा कि 2010 में सोनारी गुरुद्वारा के ट्रस्टियों का अस्तित्व गुरदयाल सिंह ने समाप्त कर दिया था. वह इसलिए कि उनके गलत कार्य कोई देखने वाला नहीं हो. तारा सिंह ने कहा कि चुनाव जीतकर वह सबसे पहले ट्रस्टियों को पुर्नबहाल करेंगे. ताकि गुरु घर के कार्यों की देखरेख और प्रधान को भी कोई देखने वाला हो. इसके अलावा सोलर सिस्टम, दो टन के 12 अतिरिक्त एसी, दरबार हॉल की फाल्स सीलिंग, गैरेज निर्माण, संविधान संशोधन, सिख परिवार के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सीट सुनिश्चित कराना आदि कार्य हैं जो भविष्य में संगत के सहयोग से किये जाएंगे.
प्रोक्सी वोट नहीं होने देंगे, वरना चुनाव रोक देंगे
प्रेस कांफ्रेस में तारा सिंह के समर्थक के रूप में मौजूद गुरुद्वारा के फाउंडर मेंबर गुरशरण सिंह गोलन ने भी गुरदयाल सिंह फूट डालो राज करो नीति की जमकर आलोचना की. उन्होंने फाउंडर मेंबर होने के नाते अपील की, कि गुरुद्वारा में इलेक्शन की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए. जैसा कि 2010 से पहले होता था. स्क्रूटनी से नाम कटने पर उन्होंने सफाई दी और अकाली दल को निष्पक्ष रहने की सलाह दी. चुनाव पदाधिकारियों की हालिया कार्रवाई पर गोलन ने कहा कि चुनाव में प्रोक्सी वोट नहीं पढ़ने देंगे. अगर इसका प्रयास होता है तो सोनारी की संगत चुनाव को तुरंत रद्द करवा देगी, जिसके जिम्मेदार सीजीपीसी, उनके चुनाव पदाधिकारी होंगे. साथ ही सीजीपीसी अगर चुनाव पदाधिकारी रिपलेस करके भेजती है तो उसे माना जाएगा और उन्हें भी दोनों उम्मीदवारों को भाई मानकर काम करना है. अगर ऐसा नहीं होगा तो सोनारी गुरुद्वारा कमेटी ही शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सक्षम हैं.
ये थे उपस्थित
प्रेस कांफ्रेंस में सिख स्त्री सत्संग सभा की फाउंडर मेंबर सह पूर्व प्रधान बीबी जसवंत कौर, सभा की प्रधान बीबी कमलेश कौर, फाउंडर मेंबर मलिंदर सिंह, सोनू भाटिया, वरीय उपाध्यक्ष हरजीत सिंह विरदी, स्टेश सचिव रवींद्र सिंह रवि, कदमा के पूर्व प्रधान सुखविंदर सिंह, कश्मीर सिंह, मनरूप संह, शमशेर सिंह, शिंगारा सिंह, अजीत सिंह आदि उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : दिन में पिस्टल सटा धमकाया और रात को की तोड़-फोड़