छत्तीसगढ़ : पुलिस बल और नक्सलियों के बीच छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुये नक्सली हमले में आइइडी ब्लास्ट के दौरान 10 जवान शहीद हो गये. इसमें एक जवान का शव जब उसके घर पर पहुंचा तब उसकी पत्नी यह कहकर चिता पर लेट गयी थी कि शहीद पति के पहले मुझे जला दी. ह्दयविदारक इस घटना को देख लोगों के आंसू नहीं थम रहे थे. घटना ने पूरे देश को ही झकझोरकर रख दिया है.
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एक ही गांव के थे 8 जवान
नक्सली हमले में शदीह 10 जवानों में से 8 जवान एक ही गांव के रहनेवाले थे. दंतेवाड़ा के कसोली गांव के लखमू मरकाम का शव जब गांव में पहुंचा तब गांव के लोगों में मातमी माहौल उत्पन्न हो गया. घर के लोगों के साथ-साथ पूरे कसोली गांव के लोग रो रहे थे. यहां पर शहीद की पत्नी तो सीधे चिता पर ही जाकर लेट गयी और कहा कि मुझे नहीं जीना है. पति के पहले मैं ही दुनिया से जाना चाहती हूं.
डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के थे सभी जवान
नक्सली हमले में शहीद सभी 10 जवान डिस्ट्रक्ट रिजर्व गार्ड के थे. छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की बढ़ती घटनाओं के बाद वहा की सरकार ने डीआरजी का गठन किया था. जवानों को सबसे पहले कांकेर और नारायणपुर में ड्यूटी पर तैनात किया गया था. 2013 में बीजापुर और बस्तर में ड्यूटी दी गयी थी. 2014 में सुकमा और कोंडागांव में ड्यूटी की थी. 2015 में इन्हें दंतेवाड़ा में नक्सल ऑपरेशन में तैनात थे.
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