Ashok kumar
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल पहले से ही अपनी कारास्तानियों के कारण सुर्खियों में बना रहा है. अस्पताल को सुर्खियों में लाने के लिए एक और कारनामा फिर से सामने आ गया है. हादसे में बंगाल के ललित दत्ता की मौत हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टरों ने उसे घायल के रूप में रजिस्टर में अंकित किया था. धनंजय कुमार घायल था, लेकिन उसे मृत बता दिया गया था. इसके बाद अस्पताल के शीतगृह में डाल दिया गया था.
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2 दिनों के बाद मिली घटना की जानकारी
ललित दत्ता के परिवार के लोग हादसे की सूचना पर जब अस्पताल पहुंचे तब उन्हें बताया गया कि ललित दत्ता घायल है और इलाज के बाद उसे 2 दिन पहले ही छोड़ दिया गया है. परिवार के लोग 2 दिनों तक ललित की खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चलने पर अंततः दोबारा अस्पताल में पहुंचे.
शीतगृह खोलने पर ललित को शीतगृह में पाया
बंगाल के रहने वाले ललित के भाई नवीन दत्ता जब दोबारा अस्पताल में पहुंचे और शीतगृह खोलने के लिए कहा तब उन्होंने अपने भाई को शीतगृह में देखा और उसकी पहचान की.
सूचना पर पहुंचे भाजपा नेता विमल बैठा
घटना की जानकारी पाकर भाजपा नेता विमल बैठा अस्पताल पहुंचे और अस्पताल के डॉक्टरों को उन्होंने कहा कि अस्पताल इस तरह की लापरवाही आए दिन किया करता है. अस्पताल में सुधार आने के बजाय दिनों दिन इसकी व्यवस्था चरमराती जा रही है. अस्पताल के डॉक्टर और प्रबंधन कितने लापरवाह हैं इससे साफ अंदाजा लगाया जा प सकता है.
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