चक्रधरपुर : प्रखंड के टोकलो थाना क्षेत्र के भरनिया गांव में कचरा निस्तारण प्लांट बनाने का ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर गांव में कई दौर की बैठकें हो चुकी है. एक बार एसडीओ रीना हांसदा ने भी ग्रामीणों के साथ बैठक की, लेकिन ग्रामीण कचरा निस्तारण प्लांट निर्माण के लिए गांव में जमीन देने को तैयार नहीं है. मंगलवार को मानकी मुंडा, आदिवासी समाज और ग्रामीणों के बीच हुई बैठक में ग्रामीणों ने कहा है की इस गांव के बच्चे 18 किलोमीटर दूर जाकर मैट्रिक की पढाई कर रहे हैं. गांव और आसपास चिकित्सा व्यवस्था कुछ नहीं है.
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स्कूल व स्वास्थ्य सेवा सबसे पहले जरुरी
ऐसे में भरनिया गांव में सबसे ज्यादा जरुरी स्कूल या स्वास्थ्य केंद्र बनाने की है. इस गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की जरुरत सबसे पहले है, लेकिन सरकार प्रखंड मुख्यालय से दूर नक्सल प्रभावित इस गांव को मूलभुत सुविधाएं देना छोड़ शहर का कचरा फेंकने वाला गांव बनाना चाहती है, जो की काफी निंदनीय सरकारी विचार है. भरनिया के ग्रामीण और आसपास के मानकी मुंडा सहित आदिवासी समाज के प्रबुद्ध लोगों ने एक स्वर में भरनिया में कचरा निस्तारण प्लांट स्थापित करने का विरोध किया है. ग्रामीणों के विरोध और गुस्से को देख कहा जा सकता है, कि इस गांव में कचरा निस्तारण प्लांट लगाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा.
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