Ashok Kumar
जमशेदपुर : अपराध की दुनिया में जैसे गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने अपनी अलग पहचान बनायी है ठीक उसी तरह से धनबाद के गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव का भी क्रेज कुछ कम नहीं है. अमन श्रीवास्तव पर कुल 23 मामले दर्ज हैं और अखिलेश सिंह पर 47 मामले दर्ज है. इसमें से अखिलेश के मत्थे अब दर्जन भर मामला ही लंबित रह गया है. अखिलेश सिंह का सफर सिर्फ जमशेदपुर शहर तक ही सीमित है, लेकिन अमन श्रीवास्तव धनबाद के अलावा हजारीबाग, लातेहार, रामगढ़ समेत अन्य जिले में अपनी पहचान बना चुका है.
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अलग-अलग राज्यों में है ठिकाना
अमन श्रीवास्तव की बात करें तो वह किसी एक राज्य में बैठकर रंगदारी का कारोबार नहीं चलाता है बल्कि अलग-अलग राज्यों में अपना ठिकाना बनाये हुये है. जानकारों का कहना है कि उसने धनबाद के अलावा तेलंगाना, मुंबई, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में भी अपना ठिकाना बना रखा है. वह कोयला कारोबार व मोटी रकम की आमदनी करनेवाले कारोबारियों से रंगदारी की मांग करता है.
रंगदारी के लिये हत्या करना आम बात
अमन श्रीवास्तव ने खासकर धनबाद में अपनी ऐसी पहचान बनायी है कि उसके नाम से कारोबारियों में खौफ रहता है. उसकी पांडेय गिरोह से वर्चस्व की लड़ाई शुरू से ही चल रही है. 26 अक्तूबर 2016 को अमन के इशारे पर पांडेय गिरोह के कामेश्वर पांडेय की हत्या पतरातू में की गयी थी. अमन के खिलाफ हत्या के 4 मामले, आर्म्स एक्ट के 2, रंगदारी मांगने के 13 व अन्य मामले दर्ज हैं. कुल 23 मामले अलग-अलग थानों में दर्ज है. उसका गिरोह लोहरदगा, लातेहार, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग आदि जिले में भी है.
पिता की हत्या के बाद अपराध की दुनिया में आया
अमन श्रीवास्तव के पिता गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या हजारीबाग कोर्ट परिसर में 2 जून 2015 को गोली मारकर दी गयी थी. इसके बाद अमन श्रीवास्तव ने गैंगस्टर की कमान संभाली. इस बीच अमन को रामगढ़ जेल में बंद लखन साव और बोकारो जेल मे बंद अमरेंद्र तिवारी का सहयोग मिला था. इसके बाद अमन ने 26 अक्तूबर 2016 को किशोर पांडेय के पिता कामेश्वर पांडेय की हत्या पतरातू में गोली मारकर करायी थी. कामेश्वर की हत्या के बाद एक शूटर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. घटना के बाद अमन ने स्वीकार किया था कि उसके कहने पर ही घटना को अंजाम दिया गया है.
पांडेय व श्रीवास्तव गैंग में है वर्चस्व की लड़ाई
श्रीवास्तव और पांडेय गैंग में सालों से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. इसमें अमन के पिता सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय कभी गैंगस्टर हुआ करते थे. दोनों की मौत पुलिस की हिरासत में ही हो चुकी है. हत्या के बाद भी पांडेय और श्रीवास्तव गैंग में वर्चस्व की लड़ाई जारी है. भोला पांडेय की हत्या के बाद विकास पांडेय गैंग का मुखिया है.
मुंबई से किया गया गिरफ्तार
अमन श्रीवास्तव को आखिरकार एटीएस के सहयोग से मुंबई पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था. इसके बाद शुक्रवार को उसे पुलिस रांची लेकर आयी. यहां पर कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उसे रांची के बिरसा मुंडा जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है.
रिमांड पर लेने के लिये कोर्ट में अर्जी
अमन श्रीवास्तव को रिमांड पर लेने के लिये एटीएस की ओर से 15 दिनों की अर्जी दी गयी है. हालाकि अभी तक रिमांड को लेकर कुछ फाइनल नहीं हुआ है. वहीं रिमांड दिये जाने का विरोध अमन श्रीवास्तव के वकील की ओर से किया गया है.
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