जमशेदपुर : काशीडीह बस्ती लाइन नंबर 8 के रहनेवाले भाजपा नेता सह धनबाद प्रभार अभय सिंह, भाई निर्भय सिंह और दिलीप सिंह के खिलाफ रंगदारी मांगने, व्यापार में नुकसान पहुंचाने, मारपीट करने और मान सम्मान पर क्षति पहुंचाने का एक मामला मानगो थाने में दर्ज कराया गया है. यह मामला मानगो थाना क्षेत्र के आजादनगर जवाहरनगर रोड नंबर 9 आलीशान टावर के रहनेवाले मो. सगीर ने दर्ज कराया है. मामला थाने तक पहुंचने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की है.
पुराना मकान तोड़कर नया फ्लैट बनाने का हुआ था एकरारनामा
मो. सगीर का कहना है कि उनका कार्यालय मानगो ऑप्टिमस टावर, रोड न. 16 में है. इसी ऑफिस से सभी कार्यों को किया जाता है. वर्ष 2012 में काशीडीह निवासी स्व. जीत नारायण सिंह की जमीन पर पुराना मकान तोड़कर नया फ्लैट बनाने का एकरारनामा मानगो ऑफिस में हुआ था. पुराना मकान तोड़ने के बाद उसी लाइन के भाजपा नेता अभय सिंह उनके भाई दिलीप सिंह और निर्भय सिंह ने जमीन पर दखल का प्रयास किया था. जमीन पर काम करने गये वर्कर को भगाने लगे. तीनों भाई कार्य में बाधा डालने लगे.
काम रोकवा दिया गया
मो. सगीर ने मामले में कहा है कि अभय सिंह ने अपने भाइयों को काम नहीं शुरु होने के लिये लगा दिया था. इसके बाद प्रोजेक्ट को 5 साल तक बंद कर दिया गया. इस बीच स्व. जीत नारायण सिंह और उनके पुत्र स्व. जयप्रकाश सिंह का सदमे के कारण मृत्यु हो गयी. उनके परिवार की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं थी. मेरा एडवांस लौटा पाने में वे सक्षम नहीं थे.
5 लाख रंगदारी देने पर शुरु हुआ काम
5 लाख रुपये रंगदारी के तौर पर मैंने अपने मित्र मो. शकील के साथ दिलीप सिंह के काशीडीह ऑफिस में जाकर दिया. 5 लाख देने के बाद प्रोजेक्ट चालू हुआ. काम गति पकड़ा ही था कि तीनों भाइयों की नियत बदल गयी. कभी जबरन अपने फर्म रघुवंशी इंटरप्राइजेज का गिट्टी, बालू, रद्दी ईटा 3 गुना दामों पर कैश भुगतान में मुझे बेचने का काम किया गया. इस कारण से आज पूरे बिल्डिंग मे जगह-जगह दरार पड़ गयी है. साइट पर लेबर के साथ मारपीट करना आम बात है. कभी अपने निजी संपत्ति की मरम्मत मुफ्त में करवाने, मेरे साइट का निर्माण सामग्री मुफ्त में ले जाना आम बात है. फ्लैट खरीदने आने वाले ग्राहकों को भगा देने और फ्लैट बुकिंग हो जाए तो प्रति फ्लैट रुपये 2 लाख रंगदारी की मांग अभय सिंह व उनके दोनों भाई करते हैं.
अकाउंट में नहीं कैश चाहिये
2 लाख रुपये उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर देने की बात की तब वह बोला कि ज्यादा होशियार बनेगा. रुपये कैश में दो नहीं तो जान से मार देंगे. तब मैं डर गया और उसे 2 लाख रुपया रंगदारी कैश के रुप में दिया.
2015 का प्रोजेक्ट 2023 में भी है अधूरा
जो प्रोजेक्ट वर्ष 2015 में कम्पलीट करना था वह 2023 में भी अधूरा है. इसका पूर्ण जिम्मेदार अभय सिंह, निर्भय सिंह और दिलीप सिंह है. इन लोगों की वजह से मुझे आर्थिक, मानसिक तथा शारीरिक नुकसान हुआ है. 28 जनवरी 2021 को मुझे दिलीप सिंह अपने काशीडीह ऑफिस में अकेले बुलाकर मुझे कुर्सी में रस्सी से बांधकर मां-बहन की गाली दी थी. 5 झापड़ मारा था और पिस्तौल का भय दिखाकर जबरन मेरे कागजात के साथ छेड़-छाड़ करते हुए अपने साथ रख लिया और मेरे कार में रखे हस्ताक्षर किया हुआ ब्लैंक चेक भी ले लिया.
साकची पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
मो. सगीर का कहना है कि घटना के बाद वे साकची थाने में शिकायत लेकर गये थे, लेकिन अभय सिंह की उंची पैरवी के कारण किसी तरह का कार्रवाई नहीं हुई. कभी दिलीप सिंह पिस्तौल दिखाकर धमकाता है. बोलता है कि पूरा बिल्डिंग मेरा है. अगर बुकिंग किया है तो वो फ्लैट मुझे 5 लाख में बेच दो और यहां से भाग जाओ.
सीलिंग मिस्त्री को हथियार दिखाकर धमकाया
7 जुलाई 2021 को दिलीप सिंह अपने गुर्गो के साथ निर्माण चल रहे सेकेंड फ्लोर पर आया और फॉल्स सीलिंग मिस्त्री विमलेश और अन्य को हथियार दिखा कर भयभीत किया. मारपीट की. गन्दी-गन्दी गलियां दी. सभी मिस्त्री के कपड़े उतरवाकर नंगा कर धरम चेक किया. जान से मारने की धमकी देकर सभी को भगा दिया. दिलीप सिंह ने फ्लैट पर ताला लगाकर चाभी अपने साथ ले गया. कुछ दिन मामला ठंडा देख मैंने अपना फ्लैट का ताला दूसरी चाभी से खोलकर काम दोबारा चालू करवाया था. 2 नवंबर 2021 को फिर दिलीप सिंह अपने गुर्गो के साथ काशीडीह फ्लैट के सेकेंड फ्लोर पर कार्य कर रहे बढई मिस्त्री को हथियार का दिखाकर भयभीत किया. मारकर भगा दिया. फ्लैट में ताला लगाकर चाभी अपने साथ ले गया.
25 मई 2022 को भी की गयी गुंडागर्दी
मो. सगीर का कहना है कि 25 मई 2022 को मेन गेट लगाने के दौरान निर्भय सिंह अपने गुर्गों के साथ आया और गेट लगाने नहीं दिया. स्व. जीत नारायण सिंह की पत्नी पार्वती देवी की ओर से निर्भय सिंह से पूछे जाने पर निर्भय सिंह ने गाली देते हुए उनपर जानलेवा हमला किया. गर्दन पकड़ कर धकेल दिया और बांस उठाकर वेल्डर मो. हसनैन और मो. राशिद के साथ मारपीट की और मशीन भी तोड़ दिया. काम बंद करवा दिया. घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गयी थी.
50 लाख का नुकसान
मो. सगीर ने मामले में कहा है कि अभय सिंह और उनके परिवार के कारण काशीडीह का प्रोजेक्ट आज तक अधूरा है. गुंडागर्दी के कारण फ्लैट मुझे ग्राहकों को आधे दामों में मजबूरन बेचना पड़ रहा है. मुझे लगभग 50 लाख का नुकसान हुआ है. दिलीप सिंह ने मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए कहा है की साइट पर मत आना. इसलिए आज काफी दिनों से मैं काशीडीह साइट पर डर की वजह से नहीं जा रहा हूं. वहां पर मुझे जान का खतरा है.