जमशेदपुर : नये पुलिस कप्तान के प्रभार संभालने के बाद पहली बार शहर के साकची में चल रहे जुआ अड्डे पर छापेमारी की गयी है. यहां पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा जुआरियों को पकड़ा गया है और उनके पास से नकदी भी बरामद किये गये हैं. सिर्फ साकची में ही छापेमारी क्यों हुई है. शहर के बाकी थाने में पुलिस छापेमारी क्यों नहीं कर रही है. क्या शहर और गांवों के बाकी थाना क्षेत्रों में जुआ अड्डा, लॉटरी, मटका आदि के खेल नहीं चल रहे हैं. अगर चल रहे हैं तो बाकी जगहों पर छापेमारी क्यों नहीं हो रही है.
परसूडीह थाना क्षेत्र की बात करें तो यहां पर 1980 और 1990 के दशक का दबंग लॉटरी का कारोबार चला रहा है. पूरा खेल पुलिस की शह पर चल रहा है. निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर के पुलिस अधिकारियों को भी इसकी पूरी जानकारी है. बावजूद छापेमारी नहीं होना चर्चा का विषय बना रहता है. एक बार मामला एसएसपी ऑफिस तक भी पहुंचा हुआ था, लेकिन इसे दबा दिया गया है.
बिष्टूपुर, कदमा व सीतारामडेरा भी अछूता नहीं
बिष्टूपुर, कदमा और सीतारामडेरा थाने की बात करें तो ये थाने में जुआ, मटका, लॉटकी और ब्राउन शुगर के अवैध कारोबार से अछूता नहीं है. हालाकि इन थाना क्षेत्रों में बराबर छापेमारी भी होती रहती है.
मानगो और जुगसलाई में भी ब्राउन शुगर का कारोबार
शहर के मानगो और जुगसलाई की बात करें तो यहां पर ब्राउन शुगर का अवैध कारोबार कई दशक से फल-फूल रहा है. दोनों इलाके से पुलिस बराबर छापेमारी कर ब्राउन शुगर के धंधे में लिप्त लोगों को जेल भी भेजती रही है.
ग्रामीण थाना क्षेत्रों में भी लॉटरी और जुआ का चलन
जिले के ग्रामीण थाना क्षेत्रों की बात करें तो वहां पर लॉटरी और जुआ का चलन पुराना है. ग्रामीण इलाके में तो अगर कहीं पर मेला लगा हुआ है तो वहां पर खुलेआम जुआ और लॉटरी का खेल खेलाया जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध धंधा चलाने वाले लोग शहर के ही हैं और अपने गुर्गों से स्थानीय पुलिस की मदद से चलवाते हैं.