Ranchi : खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति परिभाषित करने की मांग को लेकर झारखंड में लगातार आंदोलन हो रहा है. इसके साथ ही, 60-40 के स्थानीय नीति का भी लगातार विरोध हो रहा है. ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व विधायक अमित महतो ने राज्य की सरकार को मगरूर सरकार बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा है. इतना ही नहीं, राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अमित महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी को भी त्याग दिया है. वहीं वह राज्य में खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति की मांग को लेकर राज्यभर में लोगों से मिल रहे हैं. इसके लिए लगातार दौड़ भी लगा रहे हैं.
कहा-झारखंड के लोगों की दर्द समझे सरकार
उन्होंने कहा है कि मगरूर और घमंडी सरकार को यह बताने का काम कर रहे हैं कि यहां के लोगों के दर्द को समझे और खतियान के आधार पर स्थानीय नीति और नियोजन नीति का निर्धारण करें. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा चुनावी घोषणाओं में कहा है कि जैसे ही सरकार बनेगी, सरकार बनते ही खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का निर्धारण किया जाएगा. ताकि यहां के युवाओं को शत-प्रतिशत नियोजित कराया जा सके. लेकिन सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. इसलिए इस सरकार को यह याद दिलाने का काम कर रहे हैं कि आपने कहा था कि खतियान के आधार पर यहां के बच्चों को नियोजित कराएंगे. 60-40 और 70-80 में नहीं ,शत प्रतिशत नियोजित कराएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसलिए 21 किलोमीटर तक दौड़ते हैं और यहां हेमंत सोरेन को बताने का काम करते हैं कि हमारे दर्द को समझे और स्थानीय नीति खतियान के आधार पर बनायें. क्योंकि पिछले 22 वर्षों में पहचान नहीं मिली है. इससे पहले एनडीए की सरकार रही. कई नेताओं को सत्ता संभालने का मौका मिला, लेकिन सही मायने में स्थानीय और नियोजन नीति को परिभाषित नहीं किया गया.
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