जमशेदपुर : रेल कर्मचारी सतीश कुमार पिल्लई की पांचवें दिन टीएमएच में मौत होने की खबर आरपीएफ को मिलते ही टाटानगर आरपीएफ थाने के गेट पर ताला लगा दिया गया है. आरपीएफ को लग रहा है कि अब बस्ती के लोग परिवार के लोगों के साथ थाने का घेराव कर सकते हैं. पूरे मामले में आरोपी आरपीएफ और रेलवे लैंड विभाग के अधिकारियों पर ही लगाया गया है.
नक्सल प्रभावित थाना के गेट पर लगता है दिन में ताला
थाना गेट पर उस इलाके में ताला लगाया जाता है जहां पर नक्सल प्रभावित हो. टाटानगर रेलवे स्टेशन के ठीक बाहर मेन रोड पर ही चाईबासा बस स्टैंड के सामने आरपीएफ का थाना भवन है. इसी थाना भवन के सामने गेट पर ताला लगाया गया है.
जब गलती नहीं की है तो डर काहे का
अब लोग चर्चा यह कर रहे हैं कि जब आरपीएफ की ओर से गलती है नहीं की गयी है तब थाना गेट पर ताला लगाने का क्या मतलब है. ताला लगने के बाद ऐसा लग रहा है कि आरपीएफ ने गलती की है.
आखिर ओमप्रकाश पर क्यों मेहरबान है आरपीएफ
रेलकर्मी सतीश पिल्लई की मौत के बाद यह सवाल उठ रही है कि आखिर ओमप्रकाश पर आरपीएफ क्यों मेहरबान है. जब मामला कोर्ट में लंबित है तब आरपीएफ और लैंड विभाग ने इस तरह की कार्रवाई क्यों की. जमीन में दखल दिलाने का काम तो कोर्ट के आदेश पर ही जिला प्रशासन की ओर से करने का काम किया जाता है.
जिला प्रशासन को भी नहीं लगने दी भनक
जिला प्रशासन को भी भनक लगने नहीं दी गयी थी. सिर्फ आरपीएफ ही मौके पर पहुंची थी और ओमप्रकाश को दखल दिला दिया था. इस बीच ही सतीश पिल्लई ने आरपीएफ की मौजूदगी में आत्मदाह करने का प्रयास किया था.
आरपीएफ कमांडेंट ने कहा दखल दिलाने का अधिकार है
सतीश पिल्लई प्रकरण में आरपीएफ कमांडेंट पी शंकर कुट्टी से बात करने पर उन्होंने कहा कि आरपीएफ से संबंधित रेल अधिकारियों ने लिखित शिकायत की थी. इसके बाद आरपीएफ की ओर से दखल दिलाने का काम किया गया. कमांडेंट ने कहा कि जमीन ओमप्रकाश की है और इससे संबंधित कागजात भी उसके पास है. थाना गेट बंद करने के बारे में कमांडेंट ने कहा कि दूसरे कार्य के चलते गेट को बंद किया गया था, लेकिन बाद में उसे खोल दिया गया.