जमशेदपुर : हूल दिवस पर बिरसा सेना और ग्रामसभा के संयुक्त तत्वावधान में 30 जून को बारीडीह गोलचक्कर पर कोंका कमार के नाम से पत्थलगड़ी की गयी थी. पत्थलगड़ी के दूसरे दिन एक जुलाई को टाटा स्टील और जेएनएसी की ओर से पत्थलगड़ी को उखाड़कर अपने साथ ले गये थे. इसका विरोध ही अब बिरसा सेना के लोग कर रहे हैं और बारीडीह गोलचक्कर पर भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं.
एक जुलाई को बिरसा सेना के केंद्रीय अध्यक्ष दिनकर कच्छप और उनके समर्थकों के साथ धक्का-मुक्की भी की गयी थी. बिरसा सेना की ओर से घोषणा की गयी है कि पत्थलगड़ी लौटाने तक भूख हड़ताल जारी रहेगा.
4 जुलाई से उग्र आंदोलन की चेतावनी
पत्थलगड़ी वापस नहीं करने पर आदिवासी बिरसा सेना और चुवाड़ सेना के सदस्यों की ओर से 4 जुलाई से उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इस बीच अगर कुछ होता है तो इकी जिम्मेवारी जेएनएसी और जिला प्रशासन की होगी. भूख हड़ताल पर 4 युवक बिरसा सेना के बैठे हैं.
इनका मिल रहा समर्थन
दिनकर कच्छप, बलराम कर्मकार, राजा राम मुर्मू, गुरुचरण कर्मकार, भाजपा अनुसूची जनजाति मोर्चा, आदिवासी भूमिज चुआड़ सेना, संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठन चांडिल, लोहरा करमाली समन्वय समिति का भी समर्थन मिल रहा है.
ये बैठे हैं भूख हड़ताल पर
आज मुख्य रूप से माणिक सिंह सरदार, श्याम सिंह सरदार, जॉनी मस्सी, कृष्ण लोहार, सोमनाथ पाढ़ीया, अजय लोहार, सूरज बस्के, राजा पूर्ति, दीपक साम्मद, दीपक सिंह सरदार, विकास हेंब्रम, मार्शल मुर्मू, धनंजय सिंह सरदार, जय नारायण मुंडा, अजय सिंह जामुदा, विजय सोय, शिवचरण बेसरा, दीनबंधु सिंह सरदार, रायसेन टुडू, लक्ष्मण टुडू, प्रीतम टुडू, दीपक हेंब्रम, बबलू सोरेन, हेमंत नाग, गणेश टुडू, सूदन टुडू, केशरी दा, राधे हंसदा, भागवत बस्के, बृधान बास्के, शिवनाथ बेसरा, कालीचरण हंसदा, मची राम सोरेन, श्याम हांसदा आदि शामिल हैं.